इंडिया न्यूज, Haryana News (CM Statement on Aadhar Card and PPP): मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की जन कल्याणकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र महत्वपूर्ण दस्तावेज बनकर उभरे हैं। इससे पात्र व अपात्र लाभार्थियों की पहचान होने से सिस्टम में पारदर्शिता आई है।
मुख्यमंत्री आज यहां आधार उपयोग को सरल बनाने और इसके उपयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों के विषय पर आयोजित हरियाणा राज्य कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ द्वारा किया गया।
मनोहर लाल ने कहा की डिजिटलाइजेशन (digitization) का विषय उनके दिल के बेहद करीब है। राज्य सरकार ने डिजिटलाइजेशन की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की है, जिसकी केंद्र सरकार ने भी समय-समय पर सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे इतने बड़े देश में 134 करोड़ लोगों को एक आधार सिस्टम से जोड़ा गया, यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। इस प्रकार का डाटाबेस सिस्टम शायद ही किसी अन्य देश के पास उपलब्ध होगा।
आधार सिस्टम आज एक अहम दस्तावेज बन गया है, हालांकि बदलते तकनीकि युग में इस सिस्टम में आज बायोमैट्रिक के साथ-साथ फेस रिकॉगनिशन और वॉयस रिकॉगनिशन भी शुरू करने की आवश्यकता है। फेस रिकॉगनिशन के लिए मोबाइल भी एक उपयोगी उपकरण बन सकता है। इस दिशा में तेज गति से कार्य करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधार कार्ड से व्यक्ति की पहचान होती है, लेकिन हमारी संस्कृति व्यक्ति केंद्रित नहीं, बल्कि परिवार केंद्रित है। इसी को समझते हुए वर्ष 2015 में हरियाणा सरकार ने परिवार की पहचान के लिए भी नई पहल की। इसके तहत, परिवार पहचान पत्र (family identity card) की शुरुआत हुई। विभागों ने जमीनीस्तर तक अथक प्रयास करते हुए डाटाबेस एकत्र किया। इसके लिए इन-हाउस टीमें बनाई गई। लगभग 4 साल की मेहनत के बाद आज पीपीपी पोर्टल पर लगभग 70 लाख परिवारों और 2.60 करोड़ सदस्यों का पंजीकरण किया गया है।
मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ पीपीपी के माध्यम से देना सुनिश्चित किया है। आज लगभग 150 योजनाओं व सेवाओं का लाभ पीपीपी के माध्यम से दिया जा रहा है। पीपीपी की बदौलत सरकार ने 37 लाख घोस्ट ट्रांजक्शजन पकड़े और गलत तरीके से लिए जा रहे योजनाओं के लाभ पर रोक लगाई। इससे करीब 1200 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
उन्होंने कहा कि राशन कार्ड, वृद्धावस्थान पेंशन, जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र भी पीपीपी के माध्यम से बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि विवाह पंजीकरण को भी पीपीपी से जोड़ा गया है। इसके अलावा, जन्म व मृत्यु का डाटा भी पीपीपी से जोड़ रहे हैं, ताकि वास्तविक डाटा एकत्र किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बीपीएल की आय सीमा में भी बदलाव किया है। पहले यह आय सीमा 1.20 लाख रुपये तक थी, जिसे हमने बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया है, ताकि अधिक से अधिक परिवारों को योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी के तहत प्रदेश के ऐसे परिवारों, जिनकी आय 1 लाख रुपये से कम है, उनकी पहचान की गई और उनके आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना (Chief Minister Antyodaya Parivar Utthan Yojana) शुरू की गई। इस योजना के अंतर्गत अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों का आयोजन कर ऐसे परिवारों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई और लगभग 32 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया। इसके अलावा, अन्य पात्र लाभार्थियों को ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया जारी है।
इसी प्रकार, राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना भी चलाई जा रही है, जिसके तहत 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को 6 हजार रुपये वार्षिक राशि दी जा रही है। इस राशि में से केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का प्रीमियम का भुगतान किया जा रहा है। करीब 27-28 लाख परिवारों का प्रीमियम प्रदेश सरकार दे रही है।
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