इशिका ठाकुर, Haryana (State Level Women’s Day) : राज्य स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में करनाल में राज्य स्तरीय महिला दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में प्रदेशभर से लगभग 12 हजार महिलाओं ने शिरकत की, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भी शामिल रहीं। समारोह में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला होती है। मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि आज वह जिस पथ पर आपके सामने खड़े हैं, उसके पीछे भी उनकी मां का हाथ है क्योंकि उनकी मां ने ही उन्हें दसवीं कक्षा से आगे बढ़ने के लिए उस जमाने में 300 रुपए दिए थे।
उन्होंने कहा कि चाहे खेल हो, बिजनेस हो या राजनीति, सबमें महिलाएं अपनी छाप छोड़ रही हैं। खेलों में भी बेटियों ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। मनोहरलाल ने ऐसी महिलाओं का नाम गिनवाते हुए उनकी उपलब्धियों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कभी यह प्रदेश बेटियों को मारने वाला माना जाता था। इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने पानीपत में संकल्प लिया कि हम इस कलंक को मिटाएंगे। हमनें कन्या भ्रूण हत्या पर सख्त कदम उठाए। पहले 1000 पर 871 लड़कियां थी लेकिन आज 923 हो गई हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में हरियाणा सरकार द्वारा उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं को सुषमा स्वराज पुरस्कार के तहत 5 लाख रुपए की राशि, इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार के तहत 1 लाख 50 हजार रुपए, कल्पना चावला शौर्य पुरस्कार के तहत 1 लाख रुपए, बहन शन्नो देवी पंचायती राज पुरस्कार के तहत 1 लाख रुपए, लाइफ टाईम अचीवर्स अवार्ड के तहत 51 हजार रुपए, एएनएम, नर्स/महिला एमपी डबल्यू पुरस्कार के तहत 21 हजार रुपए, महिला खिलाड़ी को 21 हजार रुपए, सरकारी कर्मचारी को 21 हजार रुपए, सामाजिक कार्यकर्ता को 21 हजार रुपए तथा महिला उद्यमी को 21 हजार रुपए की राशि तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने समारोह के दौरान संबोधित करते हुए कहा कि हर दिन महिला दिवस होना चाहिए तथा इस दिन का नाम महिला दिवस की बजाय महिला सम्मान दिवस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1909 में अमेरिका में महिलाओं को वोट देने का भी अधिकार नहीं था, फिर आंदोलन हुआ। इसके बाद उन्हें सब अधिकार मिले। हमारी सरकार ने स्थानीय निकाय और पंचायत में 50 प्रतिशत सीटें सुनिश्चित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्याओं के दस या उससे अधिक के सामूहिक विवाह के लिए प्रति व्यक्ति 51 हजार की राशि दी जाएगी। हमने अन्य वर्गों की महिलाओं के लिए भी अनेक योजनाएं चला है। महिला अपराधों की रोकथाम के लिए रेपिड एक्शन फोर्स, फास्ट ट्रेक कोर्ट व महिला थाने बनाए हैं। इतना ही नहीं, हमारा लक्ष्य पुलिस में महिलाओं की संख्या 15 प्रतिशत संख्या करने का भी है। इसके अतिरिक्त हमने हर 20 किलोमीटर पर एक महिला कॉलेज खोला है।
प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार पूर्व मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज के नाम से पुरस्कार की घोषणा की गई। इस पुरस्कार को पहली बार जिला जींद गांव डीगाना की रहने वाली मंजू शर्मा को समाज सेवा के लिए उत्कृष्ट कार्य करने के लिए 5 लाख रुपए की नगद राशि देकर सम्मानित किया।
सुषमा स्वराज सम्मान से सम्मानित मंजू शर्मा ने बताया कि वह पिछले 15 साल से समाज सेवा के कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वह अब तक 18 बार रक्तदान कर चुकी हैं। महिलाओं को अपने हिमोग्लोबिन पर ध्यान देना चाहिए। मंजू शर्मा कहा कि आज मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई में शिक्षित करने के लिए सम्मानित किया गया है। समाज सेवा की प्रेरणा उन्हें अपने पति से ही मिली है। आज मिले पुरस्कार के लिए वे मुख्यमंत्री और सरकार का आभार व्यक्त करती हंै।
कार्यक्रम में हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री कमलेश ढांडा, विकास एवं पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली, हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल, सांसद संजय भाटिया, विधायक हरविंद्र कल्याण, विधायक रामकुमार कश्यप, विधायक महिपाल ढांडा, विधायक धर्मपाल गोंदर, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी. कुमार और करनाल के उपायुक्त अनीश यादव पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया तथा करनाल के कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
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