लोकायुक्त के फैसले की अनदेखी करने वालों पर भी सीएम विंडो ने की कार्रवाई
इंडिया न्यूज, चण्डीगढ़।
हरियाणा के लोगों की व्यक्तिगत, सामाजिक व सार्वजनिक हित की शिकायतें सुनने व उनका समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा वर्ष 2016 से आरम्भ की गई सीएम विंडो समाधान का एक सरल, आसान व असरदार तरीका सिद्ध हो रहा है क्योंकि ऐसी शिकायतें हल हुई हैं, जिनके बारे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काटकर लोग थक चुके थे और उनके समाधान के बारे सोचना ही बंद कर दिया था। मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल, जो चण्डीगढ़ मुख्यालय से सीएम विंडो पर शिकायतों की निरंतर समीक्षा व मॉनिटरिंग करते आ रहे हैं, के अनुसार, मुख्यमंत्री की यह व्यवस्था लोगों के लिए सरल पहुंच बनी है क्योंकि शिकायतों का फीडबैक नियमित रूप से मुख्यमंत्री स्वयं लेते हैं।
उन्होंने बताया कि कैथल के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कलायत में कार्यरत लिपिक अशोक कुमार रोहिल्ला के विरुद्ध रामगढ़ पांडवा राजमल निरंतर शिकायत कर रहा था कि उक्त कर्मचारी कई प्रकार के भ्रष्टाचार के कार्यों में संलिप्त है। यहां तक कि शिशु शिक्षा भत्ता जो सरकारी की हिदायतों के अनुसार सरकारी कर्मचारी को दो बच्चों के लिए ही 12वीं कक्षा तक ही मिलता है, परन्तु उक्त कर्मचारी ने आहरण एवं वितरण अधिकारी व विभाग के अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से चार बच्चों का शिशु शिक्षा भत्ता लिया हुआ है। इसकी जांच के आदेश कैथल उपायुक्त द्वारा दिए गए, जिसमें इसे दोषी ठहराया गया था। इस कर्मचारी ने हरियाणा लोकायुक्त के फैसले की भी अनदेखी की है।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस पर कड़ा संज्ञान लिया गया तथा महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा व कैथल के सीएमओ कार्यालय से इस बारे स्पष्टीकरण मांगा गया। दोषी कर्मचारी पर हरियाणा सिविल सेवा नियम-2016 (दण्ड एवं अपील) का उल्लंघन करने तथा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया। लिपिक अशोक कुमार ने यह सब देखते हुए दो बच्चों का शिशु शिक्षा भत्ता की गलत तरीके से ली गई 15750 रुपये की राशि ई-चालान के माध्यम से जमा करवा दी।
भूपेश्वर दयाल के अुनसार अब तक 941802 शिकायतें सीएम विंडो पर दर्ज हुई है, जिनमें से 873808 शिकायतों का निपटारा किया गया है। इनमें से कुछ शिकायतों पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। उन्होने बताया कि वर्ष 2022 में 124271 शिकायतें व सुझाव प्राप्त हुए है जिनमें से 85580 का निपटारा किया गया है तथा 10119 शिकायतों पर संबंधित विभागों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा 15063 शिकायतें पुरानी जो लम्बित चली आ रही है तथा 5559 शिकायतें फिजिबल नहीं पाई गई है। उन्होंने बताया कि सीएम विंडो द्वारा सालों-साल पुरानी लंबित शिकायतों का निपटान कर हरियाणा की जनता के समक्ष अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। जिनकी समाचार पत्रों के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी चर्चा हुई है तथा लोग मुख्यमंत्री कार्यालय का व्यक्तिगत रूप से या पत्र लिखकर आभार भी व्यक्त कर रहे हैं ।
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