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CM’s Call to Young Lawyers : सत्य और ईमानदारी के साथ न्याय के लिए कार्य करें

• LAST UPDATED : November 12, 2022
  • मुख्यमंत्री ने पंजाब विश्विद्यालय, चंडीगढ़ में अयोजित विधिज्ञ परिषद राष्ट्रीय वैधानिक संगोष्ठी -2022 में बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत

इंडिया न्यूज, Haryana News (CM’s Call to Young Lawyers) : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने पंजाब विश्विद्यालय, चंडीगढ़ (Panjab University, Chandigarh) में आयोजित विधिज्ञ परिषद राष्ट्रीय वैधानिक संगोष्ठी-2022 में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए युवा वकीलों का आह्वान किया कि वे समाज की भलाई के लिए सत्य और ईमानदारी के साथ न्याय के लिए कार्य करें और न्यायिक प्रणाली के साथ-साथ समस्याओं के समाधान के अन्य माध्यमों पर भी आगे बढ़ें।

युवा वकील: वैधानिक बाधाओं पर विजय प्राप्ति विषय पर आयोजित संगोष्ठी का आयोजन पंजाब एवं हरियाणा विधिज्ञ परिषद द्वारा करवाया गया था। संगोष्ठी में सर्वाच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि शंकर झा, हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन, बार काउंसिल के चेयरमैन सुविर सिद्धू, पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार सहित अन्य न्यायाधीश और बार काउंसिल के सदस्य मौजूद थे।

न्याय दिलाने में न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं की अहम भूमिका

मनोहर लाल ने कहा कि अनादिकाल से लेकर आज भी समाज का न्यायिक प्रणाली पर भरोसा बना हुआ है, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर उनके साथ कुछ गलत होगा तो न्यायिक प्रणाली से उसे न्याय अवश्य मिलेगा। इसलिए न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

लोकतंत्र के 3 मुख्य स्तंभ

सीएम ने कहा कि लोकतंत्र के 3 मुख्य स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका है। विधायिका, जो कि कानून बनाने का काम करती है। जनता द्वारा चुने गए व्यक्ति विधायिका के रूप में कानूनों का निर्माण करते हैं। विधायिका द्वारा बनाए गए कानून को लोगों तक पहुंचाना व कानून को बरकरार रखना कार्यपालिका का काम होता है। इसी प्रकार, न्यायपालिका का कार्य कानूनों की व्याख्या करना व कानून का उल्लंघन होने पर सजा का प्रावधान करना होता है। इन 3 स्तंभों के कारण ही न्यायिक प्रणाली मजबूत बनी हुई है।

CM's Call to Young Lawyers

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युवा वकीलों को समस्याओं के जल्द समाधान निकालने के रास्ते तलाशने होंगे

मनोहर लाल ने कहा कि अनादिकाल में राजा-महाराजाओं द्वारा न्याय करने की परंपरा रही है। तब से चली आ रही यह व्यवस्था आज 21वीं सदी तक जारी है। समय के साथ-साथ व्यवस्थाओं, कानूनी प्रक्रियाओं में बदलाव हुआ है। इन वैधानिक परिवर्तनों के बावजूद समस्याओं का समाधान निकालने का रास्ता युवा वकीलों को ही तलाशना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि जस्टिस डिलेड-जस्टिस डिनाइड अर्थात न्याय में देरी, अन्याय है। इसलिए समय-समय पर हो रहे वैधानिक परिवर्तनों के बावजूद जल्द न्याय दिलाने के लिए युवा वकीलों को अथक प्रयास करने होंगे।

हरियाणा सरकार ने अप्रासंगिक कानून खत्म करने का काम किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज व देश की भलाई के लिए जहां नए-नए कानून बनाए जा रहे हैं, वहीं अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को खत्म करने का काम भी किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने ऐसे कई पुराने और अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को खत्म किया है। हरियाणा सरकार ने भी इस दिशा में कार्य करते हुए विधि आयोग बनाया है, जिसकी सिफारिशों के आधार पर हरियाणा में लगभग 12 से अधिक अप्रासंगिक कानूनों को खत्म किया गया है।

एक वकील का कार्य समाज सुधारक के रूप में भी होता है

मनोहर लाल ने युवा वकीलों को संदेश देते हुए कहा कि एक अच्छा वकील वही होता है, जो अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करते हुए समाज की भलाई के लिए कार्य कर न्याय दिलाने का काम करे। अधिवक्ता न्यायालय में एक मामले को किस प्रकार से पेश करता है न्यायधीश का निर्णय उसी पर आधारित होता है। एक वकील का कार्य कई मायने में समाज सुधारक के रूप में भी होता है, इसलिए युवा वकीलों को यह सीख लेना होगी कि एक मामले को न्यायालय में सही ढंग और सच्चाई से प्रस्तुत करें।

न्यायपालिका का प्रादेशिक भाषाओं पर जोर देना सराहनीय कार्य

मुख्यमंत्री ने पंजाब एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और बार काउंसिल को आश्वस्त करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार से किसी भी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता होगी, उसके लिए सरकार सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका द्वारा प्रादेशिक भाषाओं पर बल देने का कदम सराहनीय है। हर प्रदेश की अपनी भाषा है और यदि उस भाषा में न्यायालयों की कार्रवाई और आदेशों का अनुवाद होगा तो जनता को बहुत लाभ मिलेगा।

मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से भी अनुरोध किया था कि पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में हरियाणा के लोगों को हिंदी और पंजाब के लोगों को पंजाबी भाषा में न्यायालय के आदेशों और कार्रवाई का अनुवाद मिलेगा तो दोनों प्रदेश की जनता को लाभ मिलेगा। इस दिशा में भी न्यायालय द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं जो प्रशंसनीय है।

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