इंडिया न्यूज, पानीपत:
पानीपत थर्मल प्लांट न्यूज: एक तरफ जहां गर्मी ने अपने तेवर तीखे कर लिए हैं वहीं बिजली की आंख मिचौली भी लोगों के लिए काफी परेशानी का कारण बन रही है। जी हां, हरियाणा में बिजली ने अपने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इन सबका कारण गर्मी में कोयले की नाइंतजामी। प्रदेश में बिजली नहीं मिल रही। बिजली न मिल पाने के कारण लोगों में हा-हाकार मचना शुरू हो गया है।
पानीपत थर्मल पावर स्टेशन में कोयले की सप्लाई सामान्य से काफी कम हो गई है। इस वजह से कम से कम कोयला इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि भविष्य की बात करें तो यहां केवल तीन दिन का ही कोयला अब शेष है। इस समय पानीपत थर्मल पावर प्लांट की सभी 3 यूनिट बिजली पैदा कर रही हैं। इन तीनों यूनिटों को चलाने में एक दिन में लगभग 10,500 टन कोयले की जरूरत होती है।
पानीपत थर्मल में इस समय मात्र 37,158 टन कोयले का स्टाक बचा है। इस बचे कोयले से थर्मल को मात्र 3 दिन ही चलाया जा सकता है। इस समय थर्मल की 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 6 तथा 250-250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर सात और आठ चल रही हैं। कोयले की कमी के कारण थर्मल में निम्न गुणवत्ता का कोयला पहुंच रहा है।
हरियाणा में भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग बढ़ गई है। फिलहाल 18 करोड़ 46 लाख यूनिट बिजली की मांग है। अब इसे पूरा करना बिजली निगमों के लिए चुनौती बन चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों में आठ से लेकर दस घंटों के बिजली के कट लग रहे हैं। पिछले 3 दिनों में ही बिजली की मांग 1.75 करोड़ यूनिट तक बढ़ी है। 24 अप्रैल को बिजली की कमी 1.05 करोड़ यूनिट तक थी जो अब बढ़कर 1.62 करोड़ यूनिट हो गर्ह है।
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