होम / पानीपत थर्मल में बस इतने दिन का कोयला बचा

पानीपत थर्मल में बस इतने दिन का कोयला बचा

• LAST UPDATED : April 30, 2022

पानीपत थर्मल में बस इतने दिन का कोयला बचा

इंडिया न्यूज, पानीपत:
पानीपत थर्मल प्लांट न्यूज: एक तरफ जहां गर्मी ने अपने तेवर तीखे कर लिए हैं वहीं बिजली की आंख मिचौली भी लोगों के लिए काफी परेशानी का कारण बन रही है। जी हां, हरियाणा में बिजली ने अपने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इन सबका कारण गर्मी में कोयले की नाइंतजामी। प्रदेश में बिजली नहीं मिल रही। बिजली न मिल पाने के कारण लोगों में हा-हाकार मचना शुरू हो गया है।

यहां कोयले की सप्लाई काफी कम

पानीपत थर्मल पावर स्टेशन में कोयले की सप्लाई सामान्य से काफी कम हो गई है। इस वजह से कम से कम कोयला इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि भविष्य की बात करें तो यहां केवल तीन दिन का ही कोयला अब शेष है। इस समय पानीपत थर्मल पावर प्लांट की सभी 3 यूनिट बिजली पैदा कर रही हैं। इन तीनों यूनिटों को चलाने में एक दिन में लगभग 10,500 टन कोयले की जरूरत होती है।

37,158 टन कोयले का स्टाक बचा

पानीपत थर्मल में इस समय मात्र 37,158 टन कोयले का स्टाक बचा है। इस बचे कोयले से थर्मल को मात्र 3 दिन ही चलाया जा सकता है। इस समय थर्मल की 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 6 तथा 250-250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर सात और आठ चल रही हैं। कोयले की कमी के कारण थर्मल में निम्न गुणवत्ता का कोयला पहुंच रहा है।

18 करोड़ 46 लाख यूनिट बिजली की मांग बनी चुनौती

हरियाणा में भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग बढ़ गई है। फिलहाल 18 करोड़ 46 लाख यूनिट बिजली की मांग है। अब इसे पूरा करना बिजली निगमों के लिए चुनौती बन चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों में आठ से लेकर दस घंटों के बिजली के कट लग रहे हैं। पिछले 3 दिनों में ही बिजली की मांग 1.75 करोड़ यूनिट तक बढ़ी है। 24 अप्रैल को बिजली की कमी 1.05 करोड़ यूनिट तक थी जो अब बढ़कर 1.62 करोड़ यूनिट हो गर्ह है।

यह भी पढ़ें: ऐसा क्या कारण रहा कि फरीदाबाद कोर्ट परिसर की छठी मंजिल से कूद गया युवक

यह भी पढ़ें: देश में आज 3688 केस, चिंता बढ़ी

Connect With Us : Twitter Facebook

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT