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Complaints Against Haryana Police : स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी को निरंतर मिल रही पुलिस अधिकारियों व मुलाजिमों के खिलाफ शिकायत

• LAST UPDATED : May 31, 2023
  • पिछले पौने 4 साल में दो दर्जन से ज्यादा आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायत

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Complaints Against Haryana Police, चंडीगढ़ : हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा निरंतर भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों और सीनियर अधिकारियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। मुख्य रूप से सीनियर आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई करने का मामला तो प्रदेशभर में चर्चा में है। पिछले दिनों कई सीनियर आईएएस अधिकारियों पर एंटी करप्शन द्वारा कार्रवाई की गई। इसके चलते प्रदेश की सियासत में हलचल और कंपन महसूस की जा रही है।

आईएएस लॉबी ने अंदरुनी तौर पर उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। कई आईएएस मंतव्य रहा कि करप्शन ब्यूरो सीनियर पुलिस विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं कर रही। कई सीनियर आईएएस अधिकारियों ने बातचीत में अब तक कहा है कि एसीबी जान-बूझकर कैडर विशेष के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो कतई उचित नहीं है।

फिलहाल हरियाणा में आधा दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई जारी है वहीं इसी कड़ी में यह जानना जरूरी है कि कितने आईपीएस, एचपीएस अधिकारियों, इंस्पेक्टर व विभाग के अन्य मुलाजिमों के खिलाफ स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी (एसपीसीए), हरियाणा के पास शिकायत आई है।

आंकड़ों में सामने आया है कि पिछले करीब पौने चार साल में दो दर्जन से ज्यादा आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई है।आंकड़ों के अनुसार पुलिस विभाग के हर कैडर के कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ 45 महीने की अवधि में हर रोज औसतन 16 शिकायत संबंधित प्राधिकरण के पास आ रही हैं। जानकारी में सामने आया कि 2019 से लेकर 29 सितंबर 2022 तक पौने चार साल की अवधि में पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के पास आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अलग अलग नेचर की शिकायत आई हैं।

प्राधिकरण से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 25 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई है। इनमें से साल 2019 में 5 और 2020 में 1 आईपीएस अधिकारी के खिलाफ शिकायत आई। इसके बाद 2021 में अधिकारियों के खिलाफ 6 शिकायत आई हैं। वहीं पिछले साल 2022 में पहले 9 महीने में सबसे ज्यादा 13 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई है।

45 डीएसपी अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायत

वहीं शिकायतों के मामले में एचपीएस अधिकारी यानी डीएसपी भी पीछे नहीं हैं। पौने 4 साल की अवधि में 45 डीएसपी अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग नेचर की शिकायत स्टेट पुलिस अथॉरिटी के पास आई है। इनमें से सबसे ज्यादा 22 शिकायतें साल 2022 में महज 9 महीने में आई हैं। इसके बाद साल 2021 में 11 अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग तरह की शिकायतें आई हैं। सन् 2019 में 8 और 2020 में 4 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई है।

सबसे ज्यादा शिकायत कांस्टेबल, एएसआई, एसआई, इंस्पेक्टर के खिलाफ

जानकारी में यह सामने भी आया है कि सबसे ज्यादा शिकायत कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल एएसआई, एसआई और इंस्पेक्टर के खिलाफ हैं। पौने 4 साल की अवधि में इनके खिलाफ सबसे ज्यादा 671 शिकायतें आई है। इन सभी के खिलाफ पिछले साल 9 महीने की अवधि में सबसे ज्यादा 284 शिकायतें आई है, इसके बाद 2021 में 206 शिकायतें आई है तो 2020 में 61 और 2019 में 120 शिकायतें आई हैं।

पिछले कुछ समय में यह भी सामने आया है कि इस वर्ग में पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सबसे ज्यादा करप्शन के मामले पकड़ में आए हैं और निरंतर उन पर एंटी करप्शन ब्यूरो शिकंजा कस रही है। शायद ही कोई ऐसा दिन जा रहा हो जब पुलिस कर्मचारी रिश्वत लेते नहीं पकड़े जा रहे हो। इस लिहाज से उनके खिलाफ 45 महीने में औसतन हर माह 16 शिकायत आई हैं।

45 माह में आई 75 फीसदी से ज्यादा शिकायतों का निपटारा

हरियाणा में 45 महीने की अवधि में के पास जितनी भी शिकायतें आई है, उनमें से 75 फीसदी का निपटारा अथॉरिटी द्वारा कर दिया गया है। इस अवधि में अथॉरिटी के पास कुल 741 शिकायतें आई हैं जिनमें से 560 का निपटारा कर दिया गया है और 181 लंबित हैं। बता दें कि सभी कैडर के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई हैं। बता दें सबसे ज्यादा कुल 319 शिकायतें 2022 में नौ महीने में आई हैं। इसके बाद 223 शिकायतें साल 2021 में रिपोर्ट हुई। वर्ष 2019 में 133 और 2020 में 66 शिकायत रिपोर्ट हुई हैं। ये भी बता दें कि जो भी शिकायत पुलिस के खिलाफ आती हैं, इनमें से काफी जांच के बाद फर्जी भी पाई जाती हैं।

पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कई तरह की शिकायतें

स्टेट पुलिस अथॉरिटी के पास पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों खिलाफ जो शिकायत आई हैं, उनका नेचर के आधार पर वर्गीकरण किया गया है। इनमें रेप या अटेम्प्ट टू रेप, पुलिस कस्टडी में मौत, गंभीर चोट पहुंचाना, वसूली, बिना आधार डिटेन करना, संगठित अपराध में भूमिका और अन्य तरह की शिकायत शामिल हैं। पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी की तरफ से ये भी साफ किया गया है कि ऐसी शिकायतें भी पड़े पैमाने पर रही हैं जो एफआईआर के योग्य नहीं पाई गई हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस एक्ट 2007 जिसमें 2014 में संशोधन किया गया है, उसको देखते हुए सरकार को एफआईआर के लिए रिकमेंडेशन के लिए भेजा जा सकता है।

ये बोलीं एसपीसीए चेयरपर्सन नवराज संधू

एसपीसीए चेयरपर्सन नवराज संधू का कहना है कि प्राधिकरण के पास जितनी भी शिकायतें आती हैं, उन पर संबंधित एक्ट के तहत उचित कार्रवाई होती है। जो भी शिकायतें होती हैं, उनमें से ज्यादातर छोटे लेवल पर पुलिस विभाग के मुलाजिमों के खिलाफ होती हैं। प्राधिकरण प्रदत्त शिकायतों के आधार पर ही कार्रवाई करता है और नियमों की अनुपालना करता है।

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