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Satpal Brahmachari Won Sonipat Lok Sabha Seat : सोनीपत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी ने की जीत हासिल 

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Satpal Brahmachari Won Sonipat Lok Sabha Seat : सोनीपत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी ने 21 हजार 816 वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी मोहनलाल बड़ौली को हराकर जीत हासिल की है। सतपाल ब्रह्मचारी की जीत से कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं नेताओं में ख़ुशी का माहौल है।

सतपाल ने महज 13 साल की उम्र में ब्रह्मचर्य की दीक्षा ली

अब तक हरिद्वार में राजनीति कर रहे सतपाल ब्रह्मचारी को कांग्रेस पार्टी ने सोनीपत लोकसभा सीट से टिकट दिया। सतपाल ब्रह्मचारी मूल रूप से हरियाणा में सोनीपत लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा सफीदों के रहने वाले हैं। साल 1964 में सतपाल ब्रह्मचारी का जन्म गंगोली गांव के ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने गांव से ही पांचवीं तक की पढ़ाई की और साधु बनने के लिए हरिद्वार गए और महज 13 साल की उम्र में ब्रह्मचर्य की दीक्षा ली।

Satpal Brahmachari Won Sonipat Lok Sabha Seat : साल 2012 में रखा राजनीति कदम

राधा कृष्ण ब्रह्मचारी के शिष्य सतपाल ब्रह्मचारी ने दीक्षा लेने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और 1984 में संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी हरिद्वार से शास्त्री की उपाधि हासिल की, इसके बाद वह खुलकर धर्मकर्म और प्रवचन में जुट गए। उनका अपने पैतृक गांव गांगोली में डेरा है। इसके अलावा सफीदों तथा पांडू पिंडारा और हरिद्वार में थानाराम आश्रम और गौशाला है। साल 2012 में उन्होंने पहली बार राजनीति में आने की कोशिश की। कांग्रेस के टिकट पर हरिद्वार में विधानसभा चुनाव भी लड़े, लेकिन हार गए।

कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट देकर बीजेपी का समीकरण बिगाड़ा

उन्होंने दोबारा साल 2022 में भी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे। इस दौरान वह भले ही चुनाव हार गए, लेकिन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से पहचान होने पर पार्टी के बड़े नेताओं के संपर्क में आए। माना जाता है कि सतपाल ब्रह्मचारी का जींद तथा आसपास के इलाकों में काफी रसूख है।  सोनीपत लोकसभा सीट पर चूंकि बीजेपी ने गैर जाट मोहनलाल बड़ौली को टिकट दिया था, ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने भी गैर जाट खेलते हुए सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट देकर बीजेपी का समीकरण बिगाड़ दिया है।

ब्राह्मण बाहुल्य इलाके और हुड्डा की वजह से जाट वोट बैंक का मिला फायदा

पिछले चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़े थे। उन्होंने जाट वोट बैंक को अपनी तरफ खींच तो लिया, लेकिन ब्राह्मण बाहुल्य इलाके में मात खा गए थे। इस बार उम्मीद थी कि ब्राह्मण बाहुल्य इलाके में सतपाल ब्रह्मचारी का प्रभाव रहेगा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की वजह से जाट वोट बैंक का भी फायदा मिलेगा और सतपाल जीत के बाद वो सही साबित भी हुआ।  बता दें कि इस लोकसभा सीट पर अब तक लोकसभा के 12 चुनाव हुए हैं। इनमें 8 बार जाट प्रत्याशी जीते हैं, वहीं तीन बार ब्राह्मण प्रत्याशी के सिर पर सेहरा बंधा है। यहां से चुनाव जीतने में चार बार बीजेपी और तीन बार कांग्रेस पार्टी सफल रही है।
Anurekha Lambra

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