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Constable Paper Leak: छात्रों का फूटा गुस्सा, एसडीएम को सीएम के नाम दिया ज्ञापन

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : August 10, 2021

फतेहाबाद/

फतेहाबाद में कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा लीक होने के मामले में छात्र सड़कों पर उतरे, बड़ी तादात में एकत्रित होकर सभी छात्र लघु सचिवालय पहुंचे, छात्रों ने कहा अगर पेपर लीक होंगे तो कौन मेहनत करेगा, सरकार मामले की निष्पक्ष जांच करवाए और आरोपियों के  सख्त  करवाई करे, छात्रों ने SDM को सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन,सरकारी नौकरियों में भर्ती की परीक्षाएं बार-बार लीक होने और फिर रद्द होने से अब युवाओं का गुस्सा फूटता जा रहा है।  युवाओं ने फतेहाबाद में प्रदर्शन किया और सरकार  प्रशासन से सवाल किया कि पेपर लीक आखिर कब तक होंगे।

कब तक युवाओं की तैयारियों पर पानी फिरता रहेगा,  युवाओं ने एसडीएम कुलभूषण बंसल को सीएम के नाम ज्ञापन भी सौंपा, युवाओं ने बताया कि इस साल 8-9 जनवरी को ग्राम सचिव के पेपर लीक के कारण रद्द हुए, तो अब अगस्त में कांस्टेबल भर्ती की परीक्षा रद्द हुई।युवा इसके लिए तैयारी करते हैं, लेकिन 200-200 रुपये में व्हाट्सएप पर आंसर की आ जाती है, सरकार कहती है कि खर्ची-पर्ची नहीं चल रही, लेकिन पेपर लीक से युवाओं से धोखा किया जा रहा है।

अगर ऐसे ही पैसे लेकर पेपर लीक होने हैं तो 15-15 लाख युवा सरकार को दे दें और उन्हें नौकरी दे दी जाए, उन्होंने कहा कि सरकार की मिलीभगत के बिना पेपर लीक नहीं हो सकता, आगे से ऐसा ना हो, यही उनकी सरकार से मांग है।

कुछ इसी तरह जींद में भी छात्रों ने पेपर लीक होने पर रोष जताया

बेरोजगार युवक और युवतियों ने पुलिस भर्ती का पेपर लीक होने के विरोध में रोष मार्च निकाला, प्रदर्शन करते हुए बेरोजगार युवक और युवतियां लघु सचिवालय पहुंचे और प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन दिया।
बेरोजगार युवक और युवतियों ने कहा कि कई सालों से एचएसएससी की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, जबकि हमारे सभी पेपर सरकार के ढीले रवैये की वजह से लीक हो रहे हैं, उन्होंने कहा हमारी फार्म भरने की उम्र भी निकल चुकी है।
जिन्होंने पेपर लीक करवाया, उन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आगे से इस तरह के पेपर लीक ना हो सकें, सरकार भरोसा दे कि भविष्य में पेपर लीक ना हो, सरकार दावा कर रही है कि बगैर खर्ची-पर्ची के नौकरी दी जा रही हैं, बार-बार पेपर लीक होने से सरकार का ये दावा गलत साबित होता है।
पहले भी पेपर लीक हुए थे, जिससे सबक लेते हुए सरकार को सरकार सीबीआई से जांच करानी चाहिए थी, युवाओं ने सरकार से जल्द दोबारा परीक्षा कराने के लिए शेड्यूल जारी करने की मांग की, वहीं परीक्षा में पशु पालन से संबंधित प्रश्न पूछे जाने पर भी युवाओं ने विरोध जताया।
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