India News Haryana (इंडिया न्यूज), Stubble Burning: हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कृषि और किसान कल्याण विभाग के माध्यम से एक व्यापक योजना लागू की है। इस योजना का उद्देश्य पराली जलाने के मामलों को शून्य तक लाना है, जिसके लिए 320 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। योजना के तहत 67 गांवों को रेड जोन और 402 गांवों को यलो जोन में वर्गीकृत किया गया है।
सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है। 2013 में, पराली जलाने के 17,620 मामले सामने आए थे, जबकि 2023 में यह संख्या घटकर केवल 2,303 रह गई है। यह 87 प्रतिशत की कमी दर्शाता है। 2024 में 22 अक्टूबर तक केवल 665 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम हैं।
सरकार की ओर से किसानों, कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। हाल ही में, 12 किसानों की रेड एंट्री की गई और पांच नई एफआईआर दर्ज की गई हैं। इस प्रक्रिया में 13 किसानों के चालान भी किए गए हैं। कुल मिलाकर, 380 किसानों की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री की जा चुकी है और 93 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।
सरकार ने अब तक 328 चालान किए हैं, जिससे 8.35 लाख रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। हालांकि, पिछले वर्षों की तुलना में स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी और प्रयास करने की आवश्यकता है।