India News Haryana (इंडिया न्यूज), Panipat Refinery : पानीपत रिफाइनरी प्रबंधन ने कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली लेबर को बिना आईएफआर सूट पहनकर काम पर अंदर आने जाने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने पर ठेकेदारों को भारी मुश्किलातों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण सुबह ठेकेदारों की लेबर काम पर नहीं जा सकी और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली हजारों मजदूर पंचिंग गेट के बाहर ही खड़े रहे गए। ठेकेदारों का कहना था कि आज सुबह अचानक से ही हमारी लेबर को रोक लिया गया है। उन्हें काम पर अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। हम अपनी लेबर को आईएफआर सूट लेकर भी दे देंगे हैं। अचानक लेबर अगले दिन काम पर न आए। हमारे तो आईएफआर सूट के 3600/- रुपये गए पानी में।
लोकल लोगों के लिए टेंडर कार्यों में कोई आरक्षण नहीं है। हमने पहले से ही 70% माइनस रेट पर पर काम लिए हुए। हम जैसे तैसे काम को मजबूरन पूरा कर कर रहे हैं। जिसमें हमें कुछ भी पैसा नहीं बच रहा। और ना ही हमारा खुद का भी पैसा पूरा हो रहा। इंजीनियर हमारी फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की धमकी तक दे रहे हैं। ऐसे में काम को समय पर पूरा करना जरूरी है। एफआईआर सूट पहनने में लेबर को 31 दिसम्बर 2024 तक छूट मिले, या फिर फायर सेफ्टी विभाग लेबर को ”फ्री ऑफ कास्ट” पर आईएफआर सूट प्रदान करे।
वहीं एक अन्य ठेकेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मैंने इंजीनियर के माध्यम से फायर सेफ्टी से आईएफआर सूट इश्यू करवाया था। मेरी लेबर को आईएफआर सूट सही नहीं आएं। इन आईएफआर सूट की कीमत 7200 रुपए के करीब बनती थी। आईओसी के फाइनेंस विभाग ने मेरे बिल से 7200/- के करीब पैसे भी काट लिये और मैंने वही आईएफआर सूट इंजीनियर को भी वापस कर दिए हैं। पर अब तक ना तो मुझे आईएफआर सूट मिलें है और ना ही पैसे। कि अब किसके साथ क्लेश करें। बडी दुःख की बात यह है कि रिफाइनरी के प्राधिकारी लोग अपने ही लोगों की फेवर की बात करते हैं। लेबर या ठेकेदार की कोई नहीं सुनता। इस यूनिट में रिफाइनरी प्रबंधन को ओम्बड्समैन की नियुक्ति करनी चाहिए।
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