होम / लखीमपुर खीरी जाते काफिले को UP बॉर्डर पर रोका गया, सिद्धू समेत पंजाब के 4 मंत्री और विधायक हिरासत में लिए गये

लखीमपुर खीरी जाते काफिले को UP बॉर्डर पर रोका गया, सिद्धू समेत पंजाब के 4 मंत्री और विधायक हिरासत में लिए गये

• LAST UPDATED : October 7, 2021
लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में नवजोत सिद्धू की अगुवाई में पंजाब कांग्रेस ने गुरूवार को रोष मार्च निकाला। मार्च की शुरूआत में CM चरणजीत चन्नी भी शामिल हुए। हालांकि वो व्यक्तिगत कार्य की वजह से वापस लौट गए। मोहाली से निकले रोष मार्च वाले काफिले को UP में प्रवेश करने नहीं दिया गया। यूपी पुलिस ने सिद्धू के काफिले को बॉर्डर पर ही रोक दिया। इसके बाद कांग्रेसियों ने बैरिकेड तोड़कर घुसने की भी कोशिश की। जहां उनकी पुलिस से भिड़ंत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने नवजोत सिद्धू, उनके साथ गए मंत्रियों अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, परगट सिंह, विजयेंद्र सिंगला, गुरकीरत कोटली और कुछ विधायकों को हिरासत में ले लिया। इन सभी को सहारनपुर के सरसावा थाने में रखा गया है।

यूपी पुलिस कहना है कि लखीमपुर खीरी में धारा 144 लगी हुई है। सिर्फ 5 लोग ही वहां जा सकते हैं। हालांकि सिद्धू सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ जाने पर अड़े हुए हैं। इस वजह से सभी को पुलिस ने थाने में बिठाकर रखा है। इससे पहले सिद्धू काफिला रोके जाने पर यूपी पुलिस को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाते दिखे। सिद्धू ने कहा कि जिस आरोपी को गिरफ्तार करना था, वो खुलेआम घूम रहा है। इंसाफ मांगने वालों को उत्तर प्रदेश पुलिस परेशान कर रही है। पुलिस ने सिर्फ 5 लोगों को जाने की बात कही, लेकिन सभी कांग्रेसी जाने पर अड़े हुए हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि आज तक मैंने पीठ में छुरे घोंपने की बात तो सुनी थी, लेकिन पीछे से गाड़ियां चढ़ाते पहली बार देखा है। अभी तक केंद्रीय मंत्री के बेटे ने न इन्वेस्टिगेशन जॉइन की और न ही उसे गिरफ्तार किया गया। क्या एक केंद्रीय मंत्री और उसका बेटा कानून और संविधान से बड़े हो गए हैं? इसके बाद सिद्धू की अगुवाई में काफिला मोहाली से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गया है।

सिद्धू को दिखाए गए काले झंडे

मार्च में शामिल होने के लिए सिद्धू थरेड़ी जट्‌टां टोल प्लाजा पर पहुंचे तो वहां बैठे किसानों ने उन्हें काले झंडे दिखाकर रोष प्रदर्शन कर दिया। भड़के किसानों ने कांग्रेस की गाड़ियों से किसानों के स्टीकर भी उतार दिए। किसानों का कहना था कि सिद्धू उत्तर प्रदेश जा रहे हैं, लेकिन पंजाब में टोल प्लाजा पर बैठे किसानों की सुध नहीं ली। अब लखीमपुर खीरी मामले में वो राजनीति कर रहे हैं।

सिद्धू ने ट्वीट कर जताया था विरोध

नवजोत सिद्धू लगातार ट्विटर के जरिए सक्रिय हैं। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में भी उन्होंने ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद सिद्धू ने प्रियंका गांधी को हिरासत में रखने का विरोध किया। सिद्धू ने तभी चेतावनी दी थी कि अगर प्रियंका गांधी को न छोड़ा गया तो वो रोष मार्च करेंगे। प्रियंका गांधी को बुधवार को रिहा कर दिया गया। हालांकि तब तक सिद्धू रोष मार्च की तैयारी कर चुके थे।

“Guardian Angels of Democracy” !! pic.twitter.com/N9UaVkD51t

— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 7, 2021

 
पंजाब प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके सिद्धू पंजाब में कांग्रेस के प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि 10 दिन पहले इस्तीफा देने के बावजूद उस पर कोई फैसला नहीं हुआ। कांग्रेस हाईकमान ने न इस्तीफा स्वीकार किया और न ही उसे ठुकराया। हालांकि सिद्धू के अब लिए फैसले से साफ है कि वो कांग्रेस में ही बने रहेंगे। बुधवार को भी उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रधान के तौर पर ही मीटिंग बुलाई थी।

CM चन्नी पंजाब लौटे

CM चरणजीत चन्नी पहले ही लखीमपुर खीरी जा चुके हैं। UP सरकार ने उनके हेलिकॉप्टर को उतरने की इजाजत नहीं दी, जिसके बाद वह बुधवार को राहुल गांधी के साथ लखीमपुर खीरी गए। वहां पीड़ितों से मिलने से पहले उन्होंने मृतकों के परिवार को 50-50 लाख रुपए की मदद की घोषणा की। इसके बाद चन्नी बुधवार रात को ही पंजाब वापस लौट आए।
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