होम / Cost of Repairs on Ministers Quarters : हरियाणा में मंत्रियों, अधिकारियों की कोठियों की मुरम्मत व रख-रखाव पर हर महीने खर्च हुए 86 लाख

Cost of Repairs on Ministers Quarters : हरियाणा में मंत्रियों, अधिकारियों की कोठियों की मुरम्मत व रख-रखाव पर हर महीने खर्च हुए 86 लाख

• LAST UPDATED : December 20, 2023
  • नवंबर 2019 से नवंबर 2023 तक 42.34 करोड़ की राशि रेनोवेशन पर हुई खर्च

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Cost of Repairs on Ministers Quarters, चंडीगढ़ : इस साल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले पर रेनोवेशन पर खर्च हुई राशि का मामला देशभर में चर्चा में रहा। बंगले पर करोड़ों रुपए खर्च की जानकारी रिपोर्ट हुई तो विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी व केजरीवाल को भी जमकर घेरा।

इसी कड़ी में सामने आया है कि सरकारी आवास पर रेनोवेशन के मामले में हरियाणा के मंत्री व अधिकारी भी किसी से पीछे नहीं हैं। हरियाणा में पिछले पांच साल के दौरान के आंकड़ों में सामने आया है कि हर साल करीब 10 करोड़ की राशि मंत्रियों व अधिकारियों की कोठियों पर रेनोवेशन पर खर्च हुई है। कई मंत्रियों के आवास पर हर साल रेनोवेशन और रखरखाव पर भारी भरकम राशि खर्च हुई है।

दुष्यंत चौटाला, रणजीत सिंह, संदीप सिंह, मूलचंद शर्मा समेत कई मंत्रियों ने हर वर्ष करवाई रेनोवेशन

इस मामले में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, बिजली मंत्री रणजीत चौटाला, संदीप सिंह और स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता सबसे आगे हैं। डिप्टी सीएम की सेक्टर-2 स्थित कोठी पर 2020-21 में 1.86 करोड़, 2021-22 में 85 लाख, 2022-23 में 61 लाख और 2023-24 में 20 लाख की राशि खर्च हुई। वहीं 2020-21 रणजीत सिंह के सेक्टर-3 स्थित कोठी संख्या 32 पर 1.08 करोड़, 2021-22 में 46 लाख, 2022-23 में 33 लाख और 2023-24 में 19 लाख की राशि खर्च हुई है।

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के सेक्टर-2 स्थित कोठी संख्या 49 पर 2019-20 में करीब 4 लाख, 2020-21 में 82 लाख, 2021-22 में करीब 46 लाख, 2022-23 में करीब 2 लाख और 2023-24 में 15.79 की राशि खर्च हुई है। यौन शोषण मामले में आरोपी राज्य मंत्री भी इस मामले में पीछे नहीं है। संदीप सिंह की सेक्टर 7 स्थित सरकारी कोठी पर 2020-21 में 95 लाख, 2021-22 में करीब 96 लाख, 2022-23 में करीब 46 लाख और 2023-23 में 9 लाख रुपए की राशि रेनोवेशन पर खर्च हुई है। इसके अलावा भी मंत्रियों व अधिकारियों की लंबी फेहरिस्त है।

उपरोक्त के अलावा परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री कंवर पाल, कृषि मंत्री जेपी दलाल, अनूप धानक, बनवारी लाल और कमलेश ढांडा की कोठियों के रखरखाव पर पिछले चार साल की अवधि में हर साल लाखों रुपए खर्च हुए हैं।  अधिकारियों की कोठियों पर जमकर राशि खर्च हुई है। विभागीय आंकड़ों में सामने आया है कि मंत्रियों व अधिकारियों के सरकारी आवासों पर रेनोवेशन पर भारी भरकम राशि खर्च हो रही है। नवंबर 2019 से नवंबर 2023 तक 49 महीने की अवधि के दौरान रेनोवेशन के काम पर कुल 42.38 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। इस लिहाज से हर महीने 86 लाख की मोटी रकम इन आवास पर बतौर रेनोवेशन खर्च हो रही है।

पांच वित्त वर्ष में रेनोवेशन पर खर्च हुए 4234.68 लाख

नवंबर 2019 से मार्च 2020 तक 2.45 करोड़ की मंत्रियों व अधिकारियों की कोठियों के रेनोवेशन पर खर्च हुुए। फिर वित्त वर्ष अप्रैल 2020 से मार्च 2021 में 1018.81 लाख रुपए इसी काम पर खर्च आया। सबसे ज्यादा खर्च वित्त वर्ष 2021-22 में रेनोवेशन के काम पर हुआ है और इस अवधि में कुल 1176.79 लाख रेनोवेशन पर खर्च कर दिए गए। इसके बाद अप्रैल 2022-मार्च 2023 में 693.72 लाख की राशि सरकारी मकानों के रेनोवेशन पर खर्च हुई। वहीं साल 2023 में नवंबर तक 520.13 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। इस लिहाज उपरोक्त अवधि में 4234.68 लाख की राशि खर्च हुई है।

102 कोठियों के रख-रखाव पर खर्च हो रही राशि

कहने को ये मंत्रियों व अधिकारियों के आवास मकान हैं लेकिन ये आवास किसी आलीशान कोठी से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। आधिकारिक जानकारी अनुसार 102 सरकारी आवास रखरखाव पर ये राशि खर्च हो रही है। इन 102 आवास में से 84 आवास प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ में हैं और इनको मंत्रियों व उनके ओएसडी के लिए आवंटित किया गया है। चूंकि चंडीगढ़ संयुक्त रूप से हरियाणा व पंजाब की राजधानी है तो इस लिहाज से दोनों राज्यों का यहां आवास प्रणाली निर्धारित कोटा है। इसी कोटे के आधार पर यहां मंत्रियों व अधिकारियों को मकान अलॉट होते हैं।

नवंबर 2019 से अब तक आवास रेनोवेट हुए

मंत्रियों व अधिकारियों को आवंटित आवासों की संख्या आधिकारिक रूप से 102 बताई गई है। नवंबर 2019 से लेकर नवंबर 2023 तक की अवधि में कई मकानों का रखरखाव किया गया है। इस मतलब ये है कि काफी मकान तो बार-बार रिनोवेट हुए हैं। कई बार अधिकारी या मंत्री का आवास बदलता है तो नया अलॉटी अपने हिसाब से सरकारी आवास में बदलाव करता है और इसका खर्च सीधे-सीधे सरकारी खजाने पर पड़ता है। नवंबर 2019 से मार्च तक 32 मकानों की रेनोवेशन की गई। इसके अलावा 2020-21 में 43, 2021-22 में 112, 2022-23 में 51 और 2023-23 में अब तक 33 मकानों की रेनोवेशन हुई है।

यह भी पढ़ें : Dense Fog Alert : हरियाणा में 20 और 21 दिसंबर को घना कोहरा छाने के आसार

यह भी पढ़ें : International Gita Mahotsav 2023 : राजस्थानी लोक नृत्य सहरिया स्वांग ने महोत्सव में छोड़ी अपनी छाप

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT