डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Crimes Against Women in Haryana, चंडीगढ़: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद की गिनती प्रदेश के अग्रणी जिलों में की जाती है। गुरुग्राम तो आईटी कंपनियों का हब और इसको मिलेनियम सिटी के रूप में भी पहचान बन चुकी है। विकास और कई अन्य पहलुओं के मामले में यहां के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं, लेकिन एक मामला ऐसा भी जिसके चलते इन जिलों को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। जी हां, महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दोनों जिले अन्य जिलों से कहीं आगे हैं।
प्रदेश महिला आयोग के आंकड़ों में सामने आया कि इन दोनों जिलों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की घटनाओं में 20 फीसदी से ज्यादा यहीं होती हैं। स्थिति बेहद चिंताजनक है। महिलाओं के रेप, छेड़खानी, यौन शोषण समेत हर तरह के अपराध के मामले में दोनों जिले सबसे आगे हैं और यहां अपराध के ग्राफ को कम करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत है। हालांकि नए डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने पद संभालते ही साफ कर दिया था कि महिला सुरक्षा उनकी प्राथमिकता रहेगी और वो हर हाल में इसको सुनिश्चित करेंगे।
हरियाणा में महिलाओं के साथ अपराध के मामले में फरीदाबाद सबसे आगे बना हुआ है। महिलाओं के साथ चाहे रेप की घटनाएं हों या फिर छेड़खानी या फिर किसी अन्य तरह का क्राइम हो, फरीदाबाद इस मामले में सबसे आगे है। पिछले करीब डेढ़ साल की अवधि में आयोग के पास कुल 2819 शिकायतें आई हैं। इनमें अलग-अलग 21 कैटेगरी में शिकायत आई हैं।
फरीदाबाद में महिलाओं के साथ उपरोक्त में से कुल 335 मामले आए हैं। जो कुल मामलों का 12 फीसदी है जो कि बेहद चिंताजनक है। कुल घटनाओं में से 62 मामले तो घरेलू हिंसा के हैं। इसके अलावा 134 मामलों में महिलाओं के साथ शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना रिपोर्ट हुई है। इसके अलावा दहेज के 21, रेप के 9 और यौन प्रताड़ना के 17 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा पुलिस के खिलाफ 10, कार्यस्थल पर प्रताड़ना के 9 मामले रिपोर्ट हुए हैं। बाकी मामले अन्य कैटेगरी में रहे।
वहीं महिलाओं के साथ अपराध के मामले में गुरुग्राम भी पीछे नहीं है। फरीदाबाद के बाद इस मामले में गुरुग्राम दूसरे स्थान पर है। आयोग से प्राप्त आंकड़ों में सामने आय़ा कि कुल मामलों में से 292 महिलाओं के साथ अपराध के मामले यहां रिपोर्ट हुए हैं।
इनमें से सबसे ज्यादा महिलाओं के साथ शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना के 134 मामले रिपोर्ट हुए हैं। वहीं 62 मामले घरेलू हिंसा के हैं। इसके अलावा दहेज प्रताड़ना के कुल 48 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा रेप की 9 घटनाएं रिकॉर्ड में आई हैं। इसके अलावा 10 घटनाएं यौन शोषण की रिपोर्ट हुई हैं। कुल 9 मामले ऐसे रहे हैं जिनमें पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं। इन मामलों में पुलिस के खिलाफ शिकायत आई है।
इसके अलावा प्रदेश के कई और भी जिले ऐसे हैं, जहां महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएं निरंतर सामने आ रही हैं। हिसार में कुल 172 घटनाएं सामने आई हैं तो एनसीआर में आने वाले सोनीपत जिले में कुल 161 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा मेवात में आने वाले पलवल में 144 मामले सामने आए हैं।
पंचकूला में कुल 116, नूहं में 133, कुरुक्षेत्र में 102, रोहतक में 127, जींद में 126, पानीपत में 118 और यमुनानगर में कुल 100 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा पंचकूला में 116, कैथल में 115 और करनाल में 119 शिकायत रिपोर्ट हुई। वहीं सबसे कम 36 मामले चरखी दादरी और 65 मामले फतेहाबाद में आए। इसके अलावा सिरसा में 69 मामले और रेवाड़ी में 87 व झज्जर में 80 मामले रिपोर्ट हुए। कुल 2819 मामलों में से 2039 शिकायतों का निपटारा हुआ।
महिला आयोग से प्राप्त डाटा के अनुसार जनवरी, 2022 से लेकर अप्रैल, 2023 तक हरियाणा में महिलाओं के साथ किसी भी तरह के क्राइम के कुल 2819 मामले रिपोर्ट हुए हैं और इस लिहाज से हर महीने 170 से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए। इनमें काफी संख्या में मामलों का समाधान नहीं हो पाया। इनमें नए मामले और पुराने पेंडिंग मामले दोनों शामिल रहते हैं, लेकिन समाधान का अनुपात कमोबेश वही रहता है।
वहीं इस साल के 4 महीने के मामलों को हटा दें तो साल 2022 में हरियाणा में कुल 2367 मामले ऑन रिकार्ड आए, इनमें से 1489 मामलों का समाधान हो पाया। इस लिहाज से पिछले साल 63 फीसदी ही मामलों का समाधान हो पाया और 37 फीसदी मामले पेंडिंग हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि हरियाणा की महिलाएं इंसाफ के लिए दिल्ली भी जा रही हैं। हरियाणा में महिला आयोग होने के बाद यहां की महिलाएं साल-2022 में करीब 450 महिलाएं घरेलू हिंसा संबंधी मामलों को लेकर दिल्ली पहुंची और साथ ही जीवन के अधिकार की 327 शिकायतें भी दिल्ली पहुंची।
हरियाणा की महिलाओं के इंसाफ के लिए दिल्ली का रुख क्यों कर रही है। वहीं एनसीआर के जिलों की दिल्ली से नजदीकी भी इसकी एक वजह हो सकती है। हरियाणा में घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसके अलावा दहेज के मामले भी लगातार बढ़े हैं। हालांकि पुलिस विभाग भी लगातार दावे करते रहा है कि बेहतर लॉ एंड ऑर्डर होगा लेकिन फिलहाल तक चीजें दूर की कौड़ी लग रही हैं।