इशिका ठाकुर, करनाल।
इस बार गेहूं की फसल का झाड़ कम होने से प्रदेशभर में तूड़ी की आपूर्ति पर संकट के बादल मंडराए हुए हैं। प्रदेश सरकार के तूड़ी को दूसरे प्रदेशों में भेजने पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। सरकार के साथ-साथ गौशाला इस आदेश को ठीक बता रही है। करनाल की अर्जुन गेट स्थित राधाकृष्ण गौशाला में भी पिछले कुछ दिनों से गौवंश के चारे के लिए तूड़ी की कमी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।
राधाकृष्ण गौशाला प्रधान कृष्णलाल तनेजा ने बताया कि हम 20 साल से गौशाला चला रहे हैं। 1170 गौवंश की सेवा कर रहे हैं। आज तक हमें तूड़ी की कोई समस्या नहीं आई। नवंबर माह से तूड़ी का रेट काफी बढ़ गया है। सीजन में 300 से 350 रुपस में तूड़ी मिलती थी। गौशाला में 30 से 35 क्विंटल तूड़ी लगती है। चारा भी 400 से 500 रुपए क्विंटल हो गया। आने वाले समय में समस्या और ज्यादा होगी। सीजन में 880 रुपए के हिसाब से तूड़ी खरीदी है। सरकार से निवेदन है कि तूड़ी का पूर्ण रूप से प्रदेश के बाहर जाने पर रोक लगाई जाए। इस रेट पर भी अंकुश तत्काल लगाया जाए।
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कुलदीप मक्कड़ ने बताया कि आज के दिन में तूड़ी का बहुत बड़ा संकट आया हुआ है। आज के समय पर महंगाई के दौर में कुछ भी खरीदना संभव नहीं। बाहर तूड़ी जाने पर अंकुश लगे। लोगों से भी अपील है कि वो अपना गौशाला के लिए सहयोग दें। सरकार से आग्राह है कि वो जो भी सहयोग हो सके, वो अनुदान के रूप में दे।
राधाकृष्ण गौशाला के सचिव रामस्वरुप ने बताया कि आने वाले समय में क्या रेट जाएगा। हमने सोचा था 300-350 रुपए का रेट रहेगा। हम तूड़ी ले लेंगे। 60 से 65 वर्कर्स काम करते हैं। ऊपर से तूड़ी खरीदनी पड़ रही है। 1100 के करीब पशु हैं। सरकार कुछ तो हमारे लिए करे। जब तक सबका सहयोग नहीं मिलेगा तब तक कुछ नहीं होगा।
वहीं रवि चानना ने बताया कि गौशाला में 20 सालों से सेवा चल रही है। किसी समय भी चारे की इतनी दिक्कत नहीं होती थी। आज चारे की समस्या काफी ऊपर चली गई है। गौशाला पर सरकार को सहयोग देना चाहिए। समय समय पर सूध लेनी चाहिए।