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फसल खरीद 2021: यूपी के गेंहू ट्रेडिंग से सरकार को भुगतना पड़ रहा खामियाजा, नहीं हो रही ट्रेडर्स पर कार्रवाई

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : April 22, 2021

घरौंडा/

अनाज मंडी में चल रही गेंहू की ट्रेडिंग से सरकार को करोड़ों रुपयों का चूना लगाया जा रहा है. किसानों की फसल के लिए निर्धारित किये गए न्यून्यतम समर्थन मूल्य का फायदा आढ़ती उठा रहे हैं. व्यापारियों द्वारा यूपी से मंगवाई गई सस्ते गेंहू को आढ़ती एमएसपी पर बेचने में लगे हैं. मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी मंडी गेट पर चैकिंग का दावा करते हैं, बावजूद इसके रोजाना हजारों क्विंटल गेंहू की ट्रेडिंग हो रही है. गेंहू ट्रेडिंग का सिलसिला प्रतिदिन देर रात से शुरू होकर सुबह तक जारी रहता है।

ट्रेडर्स का गेंहू मंडी पहुंचा

बुधवार की देर रात मंडी में आधा दर्जन से अधिक ट्रालियां और कैंटर में भरा हुआ ट्रेडर्स का गेंहू मंडी पहुंचा. बिना गेट पास के मंडी में दाखिल हुई गाड़ियों को मजदूर आनन फानन में खाली करने मे जुट गए, सूचना मिलने पर मार्केट कमेटी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और वे न तो गेंहू लाने वाले व्यक्ति को खोज पाए और न ही उन्हें गेंहू मंगवाने वाले आढ़ती के बारे में जानकारी मिली ।

कर्मचारी कैंटर चालक से सवाल पूछते रहे लेकिन उसने कोई जवाब नही दिए, सस्ते गेंहू की ट्रेडिंग का यह खेल लागतार जारी है बावजूद इसके अधिकारी ट्रेडर्स के खिलाफ सिर्फ कार्रवाई किये जाने के दावे करने मे लगे हैं।

दरअसल अनाज मंडियों में जारी यूपी के गेंहू की ट्रेडिंग ने मंडी व्यवस्था को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है, मंडियों में उत्पन्न हुई बारदाने की शॉर्टेज दरअसल बड़ी मात्रा में हो रही है।

घरौंडा मंडी में यूपी के गेहूं का भाव 1880 से 1920 रूपये प्रति किवंटल है, ट्रैक्टर ट्रॉली में करीब 150 क्विटल गेहूं आता है, जिसका रेट 1910-1920 रूपये किवंटल है. जबकि 300 क्विटल गेहूं लेकर आये ट्रक का भाव करीब 1880 रूपये प्रति क्विटल है।

इस बार सरकार ने गेंहू का न्यून्यतम समर्थन मूल्य 1975 रूपये निर्धारित किया है, ऐसे में व्यापारी को भाव में 55 से 85 रूपये और कमीशन में पचास रूपये की कमाई होती है, यूपी से गेंहू लेकर आये वाहनों को पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों के नाम पर मंडी में एंट्री दी जाती है।