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Sharadiya Navratri की छठ पर कात्यायनी देवी के दर्शन को उमड़ी भीड़

• LAST UPDATED : October 9, 2024

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  • श्रद्धालुओं ने मां कात्यायनी की पूजा कर मांगी मन्नतें, मेले में श्रद्धालुओं ने की जमकर खरीददारी
  • गुरुवार जयंती देवी मंदिर में लगेगा मेला

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sharadiya Navratri : शारदीय नवरात्र की छठ पर बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवती दुर्गा तथा मां कात्यायनी के दर्शन कर सुखी जीवन की कामना की। नवरात्र की छठ के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मध्यरात्रि से ही सोमनाथ मंदिर, जयंति देवी मंदिर, भूतेश्वर मंदिर, सोमनाथ मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, रघुनाथ मंदिर में जमा होने शुरू हो गए। नवरात्र के छठ के दिन कात्यायनी देवी के दर्शन का विशेष महत्व समझा जाता है। सोमनाथ मंदिर में मेले का भी आयोजन किया गया।

Sharadiya Navratri : भीड़ को ध्यान में रखकर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए

श्रद्धालुओं ने यहां देवी भगवती के दर्शन किए। दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइनें लग गई। इस मौके पर मंदिर में उमड़ने वाली भीड़ को ध्यान में रखकर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए थे। मंदिर प्रबंध समिति ने भीड़ को देखते हुए महिला तथा पुरुषों के लिए मंदिर प्रांगण में बेरिकेडिंग की थी। देवी भगवती के दर्शन के लिए महिलाओं की संख्या अधिक थी। इस दौरान मंदिर की भव्य सजावट की गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिरों के बाहर खरीददारी भी की।

श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन होगा

वहीं शारदीय नवरात्र की सप्तमी के मौके पर मां जयंती देवी मंदिर के दरबार में वीरवार को जहां मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन होगा। इस भंडारे में व्रत धारियों के खीर और पेठे की मिठाई परोसी जाएगी। जयंती देवी मंदिर पुजारी पंडित नवीन कुमार शास्त्री ने बताया कि मंदिर में नवरात्रों के दिनों के दौरान लगने वाले इस मेले में जींद ही नहीं देश व प्रदेशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस दिन मंदिर में मां की अर्चना का खास महत्व होने के कारण ही लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं।

करुणा, वात्सल्य व आनंद का भंडार है मां वैष्णो : आचार्य पवन शर्मा

आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि शक्ति स्वरूपा मां वैष्णवी करुणा, वात्सल्य व आनंद का भंडार है। उनसे कुछ भी मांगने की जरूरत नही, जरूरत है तो उनके समीप बैठने की। अपने आपको उनके समीप, उनके भीतर अथवा उनको अपने अंदर अनुभव करने की। आचार्य पवन शर्मा मंगलवार की रात माता वैष्णवी धाम में आयोजित नवार्ण महायज्ञ में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। डा. बनीष गर्ग, डा. कमल गिरोत्रा, डा. सविता गिरोत्रा,  सोमनाथ लखीना, पवन गुप्ता, हरबंस मंगला, गुलशन गांधी, राजीव गर्ग,  नरेश जिंदल ने सपरिवार भगवती स्कंदमाता की पूजा अर्चना कर महायज्ञ में आहुति अर्पित की।

प्रकाश प्राप्त करने के लिए उनके सम्मुख बैठने की जरूरत

आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि हम जागरण, चौकी अथवा संकीर्तनों में मां की महिमा का गुणगान करते हैं। तो क्या यह उनको प्रसन्न करने के लिये है, कदापि नहीं, क्योंकि मां तो सदैव प्रसन्न हैं। उनमें अप्रसन्नता की कल्पना करना भी अज्ञानता का सूचक है। हमें मां के दिव्य गुणों का बार-बार स्मरण कर स्वयं अपने भीतर उनका आह्वान करना है, स्थापन करना है, जिससे हम अपने अंतःकरण में पवित्रता आनंद व उनके दिव्य तेज का अनुभव कर सकें। उनकी शक्ति से ऊर्जस्वित हो सकें।

आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार सूर्य से ऊर्जा, उष्णता व प्रकाश प्राप्त करने के लिए उनके सम्मुख बैठने की जरूरत है। उसी प्रकार मां का कृपापात्र बनने के लिए उनके चरणारविन्द में बैठने की जरूरत है। कृपा की वर्षा स्वत: होने लगेगी। इस मौके पर कृष्ण गोपाल माटा, अशोक गुलाटी,  रोहित आहुजा, अशोक आहुजा, पूर्ण गिरधर, कार्तिकेय शर्मा, पवन कोचर,  तिलक जुनेजा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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