India News Haryana (इंडिया न्यूज), Jagjit Singh Dallewal: आंधी आ जाए या तूफान किसान अपनीमांगों को लेकर वैसे ही डटा हुआ है। लगातार किसान सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर खड़े हैं। वहीँ इस बढ़ती ठंड के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें, खनौरी बॉर्डर पर सोमवार को 28वें दिन भी किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी रहा। कहने को उनकी तबियत काफी नाजुक बनी हुई है लेकिन फिर भी उन्होंने अपना अनशन जारी रखा।
उन्हें इस बात की डॉक्टर ने भी सलाह दी कि उनकी जिस तरह से हालत बिगड़ रही है ऐसे में उन्हें ये अनशन रोक देना चाहिए। इस दौरान चिकित्सकों की रिपोर्ट में सामने आया कि उनके शरीर में जो क्षति हो रही है। उसकी भरपाई करनी मुश्किल होगी। इसके अलावा बारिश के कारण मोर्चे पर खड़ी ट्रॉलियों में पानी टपक रहा है, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं।
जिस तरह से डल्लेवाल अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं उसे देखते हुए कई विपक्षी नेता और बड़े दिग्गज नेता उन्हें समर्थन देने पहुँच रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को सिरसा से कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा और उत्तर प्रदेश से भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी अपना समर्थन देने के लिए डल्लेवाल से मिलने पहुंचे। वहीँ दूसरी तरफ सिरसा से किसानों का बड़ा पैदल जत्था खनौरी बॉर्डर के लिए चला है। इसमें बड़ी संख्या में किसान शामिल हैं। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि आज किसान दिवस है। जब हमारे देश में जय जवान, जय किसान का नारा दिया गया था तो उसके बाद किसानों ने दिन-रात मेहनत करके देश को खाद्यान के मामले में आत्मनिर्भर बनाया, लेकिन आज डल्लेवाल के आमरण अनशन को 28 दिन हो गए पर सरकार किसानों की बात को अनसुना कर रही है।
आपको बता दें डल्लेवाल की हालत देख आज उन्हें कई बड़े नेताओं द्वारा प्रोत्साहन मिलेगा। दरअसल, आज शाम साढ़े पांच बजे देशभर में जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। वहीँ 26 दिसंबर को सुबह 10 से शाम 4 बजे तक जिला और तहसील स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान किसानों को समर्थन देते हुए सैलजा ने कहा कि सरकार ने दो साल पहले एमएसपी को कानूनी दर्जा देने का वादा किया था।
डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन सरकार के पास उनसे बातचीत करने का समय नहीं है। हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर क्या हो रहा है, सब देख रहे हैं। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि डीएपी खाद का संकट जारी रहा। ऊपर से उसकी कीमतें और बढ़ा दी गईं। किसानों को समय पर बीज भी नहीं मिल रहा है। प्राइवेट बीज कंपनियों पर सरकार का कोई अंकुश नहीं है, जो किसानों को लूटने में लगे हुए हैं।