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DC Anish Yadav : अपराधियों को हर हाल में मिले सजा: डीसी

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : November 21, 2023
  • चिन्हित अपराधों की समीक्षा के लिए डीसी ने ली बैठक

India News (इंडिया न्यूज),DC Anish Yadav,प्रवीण वालिया, करनाल 21 नवम्बर:
डीसी अनीश यादव ने सोमवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में चिन्हित अपराधों की जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि चिन्हित व जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए अभियोजना पक्ष और जांच अधिकारी की ओर से कोई कमी न रहे तथा ऐसे मामलो में गवाहों की सुरक्षा भी सुनिश्चित रहनी चाहिए।

डीसी अनीश यादव ने कहा कि जिला में चिन्हित अपराधों को लेकर हर मास बैठक कर मंथन किया जाता है, ताकि संगीन अपराधों में शामिल अपराधियों का हर हाल में सजा दिलवाई जा सके। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा देश है, जिसमें एक न्याय प्रक्रिया से अपराधियों को सजा दी जाती है, यानि समझौता से अपराधियों को छोड़ देने का कोई कानून नहीं है। इसलिए संगीन अपराधों में एफएसएल रिपोर्ट तथा न्यायालय में चालान दाखिल करने से पहले उसे अच्छी तरह देखने पर जोर दिया जाता है। संगीन अपराधों में शामिल व्यक्ति बरी न हो, इसे लेकर जांच अधिकारी और पब्लिक प्रोसिक्यूटर को केस की अच्छे से स्टडी करने के लिए कहा जाता है। यही नहीं किसी भी अपराध से जुड़े गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया जाता है, ताकि वह न्यायालय में जाकर बिना किसी भय के गवाही दे सके।

डीसी अनीश यादव ने बैठक में आपराधिक मामलों का स्टेटस जाना और जिन मुकदमों में अपराधी बरी हुए, उनको एग्जामिन किया। चिहिन्त व जघन्य अपराधों में, पुलिस अधीक्षक और जिला न्यायवादी को अधिक से अधिक वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के साथ-साथ पीड़ित व चश्मदीद गवाहों की गवाही जल्द से जल्द करवाने के निर्देश दिए। गम्भीर अपराधों के मामले में उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक से कहा कि ऐसे केसों की अच्छे से सुपरवीजन बनी रहनी चाहिए। जिला न्यायवादी को गम्भीर अपराधों में अदालती मामलो की मॉनिटरिंग करने को कहा। उन्होंने चिहिन्त अपराधों के मामलों पर चर्चा की और उनका स्टेटस जाना।

जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने उपायुक्त को बताया कि सभी मामलो की उचित ढंग से पैरवी की जाती है। गवाहों को कहा जाता है कि वे निडरता से ब्यान दें, फिर भी कई मामले न्यायालय में जाकर प्रतिरोधी हो जाते हैं। मीटिंग में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार रोकने के लिए गठित एक्ट 1989, महिला एवं कमजोर वर्गों के साथ किए गए अत्याचार, पोक्सो एक्ट तथा भ्रष्टाचार से सम्बंधित मामलों की मॉनिटरिंग को लेकर भी चर्चा की गई।

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