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Deaths in Police Custody : हरियाणा में हर तीसरे महीने पुलिस हिरासत में मौत

• LAST UPDATED : September 7, 2023
  • पुलिस की पिटाई माने जा रहे हैं मौत के कारण

India News (इंडिया न्यूज), Deaths in Police Custody, चंडीगढ़ : हरियाणा में हर तीसरे महीने पुलिस हिरासत में मौत के मामल सामने आ रहे हैं। अभी गत दिनों पुलिस कस्टडी में देसू मलकाना के युवक की मौत होने के 4 दिन बाद पुलिस अधीक्षक ने 4 पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। हालांकि इससे पहले ही एंटी नारकोटिक्स सेल इंचार्ज की बदली जींद में कर दी गई। वहीं कुछ दिन पहले 1 जुलाई को फतेहाबाद के नाडोडी गांव के हरपाल सिंह को हिसार नारकोटिक्स विभाग की टीम ने नशीले पदार्थों की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके बाद उसे रोहतक पीजीआई लाया गया, लेकिन हरपाल की मौत हो गई।

मौत की सूचना पाकर परिजनों ने पीजीआई में जमकर हंगामा किया, वहीं परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के कारण ही हरपाल की मौत हुई है। हरियाणा में पुलिस कस्टडी में मरीज की मौत होना सामान्य सी बात हो गई है। इस तरह की घटनाएं लगातार रिपोर्ट हो रही हैं। हरियाणा औसतन हर तीसरे महीने हिरासत में एक मौत रही है जोकि बेहद चिंताजनक है। इस लिहाज से इस तरह की घटनाएं बेहद आम हो गई हैं और कहीं न कहीं पुलिस वालों की भूमिका पर सवालिया निशान उठ रहे हैं।

वहीं इसी कड़ी में यह जानना जरूरी है कि आईपीएस, एचपीएस अधिकारियों, इंस्पेक्टर व विभाग के अन्य मुलाजिमों के खिलाफ स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी (एसपीसीए), हरियाणा के पास शिकायत आई है। आंकड़ों में सामने आया है कि पिछले करीब पौने चार साल में दो दर्जन से ज्यादा आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई है। आंकड़ों के अनुसार पुलिस विभाग के हर कैडर के कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ 45 महीने की अवधि में हर रोज औसतन 16 शिकायतें संबंधित प्राधिकरण के पास आ रही हैं।

हरियाणा में 7 साल, 7 महीने में 33 मौत

कुछ मामले ऐसे हैं जिनका पटाक्षेप भी हो जाता है। होम विभाग से प्राप्त जानकारी में सामने आया जनवरी 2015 से लेकर 31 जुलाई 2023 तक हरियाणा में कुल 33 लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों से साफ है कि कहीं न कहीं पुलिस की कार्यशैली में सुधार की गुंजाइश है। हालांकि बाद में पुलिस विभाग की तरफ से बेहतर लॉ एंड ऑर्डर और विभाग की छवि ठीक करने के प्रयास करने के विराट दावे किए जाते हैं।

ये भी बता दें कि हरियाणा स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के पास पौने चार साल की अवधि में अथॉरिटी के पास कुल 741 शिकायतें आई हैं। सभी कैडर के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई हैं। बता दें सबसे ज्यादा कुल 319 शिकायतें 2022 में 9 महीने में आई हैं। इसके बाद 223 शिकायत साल 2021 में रिपोर्ट हुई। वर्ष 2019 में 133 और 2020 में 66 शिकायत रिपोर्ट हुई हैं। ये भी बता दें कि जो भी शिकायत पुलिस के खिलाफ आती हैं, इनमें से काफी जांच के बाद फर्जी भी पाई जाती हैं।

फरीदाबाद, पलवल सिरसा में सबसे ज्यादा मौत

आंकड़ों में सामने आया है कि हिरासत में होने वाली मौतों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाला फरीदाबाद जिला सबसे ऊपर है। यहां हुई कुल 33 मौतों में 6 अकेले फरीदाबाद में हुई हैं। क्राइम रेट में भी जिले की गिनती सबसे ऊपर रहती है। महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार फरीदाबाद में महिलाओं के खिलाफ अपराध की सबसे ज्यादा घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं।

घरेलू हिंसा, मारपीट व छेड़खानी के सबसे ज्यादा मामले यहीं रिपोर्ट हुए हैं। इसके बाद सिरसा और पलवल जिलों में तीन-तीन मौत हुई हैं। इनके अलावा पानीपत और झज्जर में भी तीन-तीन मौत हुई हैं। गुरुग्राम, भिवानी, चरखी दादरी और करनाल में कुल आठ और सभी में दो-दो लोगों की मौत हिरासत में हुई हैं। इनके अलावा रोहतक, कैथल, झज्जर, अंबाला, कुरूक्षेत्र, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़ और हिसार में एक-एक मरीज की मौत हुई है।

पौने चार साल में आईपीएस, डीएसपी के खिलाफ भी आई शिकायत

2019 से लेकर 29 सितंबर 2022 तक पौने चार साल की अवधि में पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के पास आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग नेचर की शिकायत आई हैं। प्राधिकरण से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 25 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई है। इनमें से साल 2019 में 5 और 2020 में 1 आईपीएस अधिकारी के खिलाफ शिकायत आई। इसके बाद 2021 में अधिकारियों के खिलाफ 6 शिकायत आई हैं। वहीं पिछले साल 2022 में पहले 9 महीने में सबसे ज्यादा 13 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई है। शिकायतों के मामले में एचपीएस अधिकारी यानी डीएसपी भी पीछे नहीं हैं।

पौने 4 साल की अवधि में 45 डीएसपी अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग नेचर की शिकायत स्टेट पुलिस अथॉरिटी के पास आई है। इनमें से सबसे ज्यादा 22 शिकायतें साल 2022 में महज 9 महीने में आई हैं। इसके बाद साल 2021 में 11 अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग तरह की शिकायतें आई हैं। सन 2019 में 8 और 2020 में 4 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आई है। हालांकि कई बार शिकायत निराधार भी होती हैं तो कई बार अधिकारियों व कर्मचारियों का दोष भी साबित होता है।

सबसे ज्यादा शिकायत कांस्टेबल, एएसआई, एसआई, इंस्पेक्टर के खिलाफ

जानकारी में यह सामने भी आया है कि सबसे ज्यादा शिकायत कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल एएसआई, एसआई और इंस्पेक्टर के खिलाफ हैं। पौने 4 साल की अवधि में इनके खिलाफ सबसे ज्यादा 671 शिकायतें आई है। इन सभी के खिलाफ पिछले साल 9 महीने की अवधि में सबसे ज्यादा 284 शिकायतें आई हैं। इसके बाद 2021 में 206 शिकायतें आई हैं तो 2020 में 61 और 2019 में 120 शिकायतें आई हैं।

पिछले कुछ समय में यह भी सामने आया है कि इस वर्ग में पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सबसे ज्यादा करप्शन के मामले पकड़ में आए हैं और निरंतर उन पर एंटी करप्शन ब्यूरो शिकंजा कस रही है। शायद ही कोई ऐसा दिन जा रहा हो जब पुलिस कर्मचारी रिश्वत लेते नहीं पकड़े जा रहे हो। इस लिहाज से उनके खिलाफ औसतन हर माह 16 शिकायत आई हैं।

जिला पुलिस हिरासत में मौत

  • गुरुग्राम 2
  • रोहतक 1
  • वानी 2
  • फरीदाबाद 6
  • सिरसा 3
  • पलवल 3
  • चरखी दादरी 2
  • करनाल 2
  • पानीपत 3
  • कैथल 1
  • झज्जर 3
  • अंबाला 1
  • कुरुक्षेत्र 1
  • फतेहाबाद 1
  • महेंद्रगढ़ 1
  • हिसार 1

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