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Farmers’ Mahapanchayat : बांगर में हुई किसान महापंचायत में लिया फैसला – चुनाव में किसी की न करेंगे मदद न करेंगे विरोध

• LAST UPDATED : September 15, 2024
  • 22 सितंबर को पीपली में होगी किसान, मजदूर महापंचायत
  • आंदोलन के साथ पूरे देश को जोड़ा जाएगा : जगजीत डल्लेवाल
  • भाजपा को ट्रैक्टर ट्राली से नहीं बल्कि किसानों से समस्या : अभिमन्यु कुहाड
  • किसान, मजदूर महापंचायत में पहुंचे पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से किसान

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Farmers’ Mahapanchayat  : उचाना हाइवे स्थिति अतिरिक्त मंडी में किसान महापंचायत आयोजित हुई। महापंचायत शुरू होने से पहले अतिरिक्त मंडी के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। जब तक पंचायत चली तब तक प्रशासन की पंचायत पर नजर रही। हरियाणा के साथ-साथ पंजाब सहित अन्य राज्यों से भी किसान पहुंचे। महापंचायत का आयोजन भारतीय किसान नौजवान यूनियन द्वारा किया गया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, श्रवण सिंह पंडेर,  अभिमन्यु कोहाड़ मुख्य रूप से पहुंचे।

Farmers’ Mahapanchayat : 22 सितंबर को पीपली कुरुक्षेत्र महापंचायत आयोजित होगी

महांपचायत में हुए फैसले की जानकारी देते हुए डल्लेवाल ने बताया कि यूपी में भी गत एक सितंबर को किसान महापंचायत हुई थी। दक्षिण भारत में भी 27, 28 अगस्त को इस तरह की महापंचायत हो चुके है। 22 सितंबर को पीपली कुरूक्षेत्र महापंचायत आयोजित होगी। हम जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है वो मांग केवल पंजाब, हरियाणा की नहीं है बल्कि पूरे देश के किसानों की है। इस आंदोलन के साथ पूरे देश को जोड़ने के लिए देश के कौने-कौने में जाकर किसान महापंचायत की जा रही है। पूरे देश को इस आंदोलन के साथ जोड़ा जाएगा।

Farmers' Mahapanchayat

आज तक किसानों के लिए कुछ नहीं किया

किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ इस आंदोलन से जोड़ने का प्रयास है। डल्लेवाल ने कहा कि किसान महापंचायत में आने से जिस तरह के किसानों को सरकार द्वारा रोका गया वो बहुत शर्मनाक, निंदनीय है। एक तरफ  तो हमारे पीएम,  भाजपा के प्रवक्ता कहते हैं कि सरकार ही किसानों की है। किसानों के हित की बातें सरकार करती है। हम अगर देखे तो आज तक किसानों के लिए कुछ नहीं किया है। किसानों के खिलाफ  फैसले जरूर लिए गए है। किसान पंचायत शांतिपूर्वक होती है। किसी तरह की हिंसा की संभावना नहीं होती।

गुरुद्वारा प्रबंधकों को खाना न देने तक के लिए कहा

किसान एकत्रित न हो इसको लेकर कई जगहों पर तो सीमेंट के बेरिगेट्स तक लगाए गए। गुरुद्वारों प्रबंधकों को यहां तक कहा गया कि इनको खाना नहीं बना कर देना। ये सबसे बुरी बात है क्योंकि सदियों से हमारी परंपरा चली आ रही है उसको दबाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव से कुछ लेना देना नहीं है। हमारा उद्देश्य आंदोलन को मजबूत करना है। हमारा प्रयास ना चुनाव के अंदर किसी की मदद करना ना विरोध करना है। सभी किसान पंचायतों में एक ही एजेंडा है हम अपने आंदोलन को मजबूत करें। लोगों को सरकार की नाकामियां, किसानों के खिलाफ लिए गए फैसलों के बारे में अवगत करवाएंगे।

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किसी भी राजनीतिक पार्टी को वोट देने की अपील नहीं : कुहाड

किसान नेता अभिमन्यु कुहाड ने कहा कि हम किसी राजनीति पार्टी को वोट देने की अपील नहीं करते लेकिन हम जरूर कहेंगे कि जिस दिन वोट डालने जाए तो जो-जो ज्यादतियां किसानों, मजदूरों पर पिछले दस सालों में हुई है वो सभी याद रखनी है। किसानों पर झूठे मामले दर्ज किए गए। भाजपा की सरकार ने ही ये काम किया है। भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट में कहती है कि हमें किसानों से दिक्कत नहीं है बिना ट्रैक्टर.ट्राली में आ जाए। आज तो किसान कोई घेराव नहीं कर रहे थे ना कोई धरना दे रहे थे ना पंजाब के किसान ट्रैक्टर ट्रालियों के साथ आ रहे थे। किसान शांतिपूर्वक तरीके से किसान महापंचायत में आ रहे थे।

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