India News (इंडिया न्यूज़), Deity Of Lord Vishnu, चंडीगढ़ : गत दिनाें जहां फतेहाबाद के कर्ण टीले से गणेश की प्राचीन मूर्ति मिली थी वहीं अब 11वीं शताब्दी के भगवान विष्णु का खंडित विग्रह मिला। इसमें भगवान विष्णु के 2 हाथ तो साफ नजर आ रहे हैं लेकिन 2 हाथ खंडित हैं। आखिर यह विग्रह यहां कैसे पहुंचा इस बारे में जिज्ञासा बनी बनी हुई है।
एक बार आपको फिर बता दें कि कर्ण कोट टीला फतेहाबाद का ऐतिहासिक टीला है। जहां पहले भी अनेक पौराणिक महत्व के अवशेष मिल चुके हैं। खंडित मूर्तियों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है, जो प्रारंभिक मध्यकाल से संबंधित हैं। यहां भगवान विष्णु का विग्रह उस समय मिला जब किसानों ने अपनी गेहूं की फसल में सिंचाई के लिए पानी दिया तो उक्त विग्रह नजर आया।
पुरातत्व विभाग के अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि इस विग्रह में भगवान विष्णु हैं जिनके चार हाथ दर्शाए गए हैं। मूर्ति काले ग्रेनाइट पत्थर की मालूम हाेती है। एक हाथ में चक्र है व एक हाथ वरद मुद्रा में है व दो हाथ खंडित अवस्था में है। मूर्ति के शीश पर मुकुट है।
अजय कुमार ने बताया कि मंदिर की मुख्य प्रतिमा जो मंदिर के गर्भ गृह में रखी जाती थी, उसके अतिरिक्त जो मूर्तियां मंदिर में रखी जाती थी वो छोटी होती थी, जो आसपास के हिस्से पर उकेरी जाती थी। जैसा कि विवरणों से स्पष्ट है ये एक महान सभ्यता थी और जाटों ने इस महानगर में अनेक युद्ध लड़े। यह मूर्ति परमार वंश के साम्राज्य से संबंधित है और 11वीं शताब्दी की है।
फतेहाबाद के उपनिदेशक पुरातत्व विभाग के डॉ. बुनानी भट्टाचार्य का कहना है कि फतेहाबाद के कर्ण कोट टीले से भगवान विष्णु की मूर्ति का विग्रह मिला है। यह मूर्ति मध्यकालीन युग की है और 11वीं शताब्दी की लगती है। यह विग्रह मुख्य मूर्ति के साथ ही होता था और इसका यहां पर मिलना अपने आप में बड़ी बात है। फिलहाल जांच की जा रही है।
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