नई दिल्ली । दिल्ली के मुंडका (Delhi Mundka Fire) में देर रात 11 बजे मेट्रो स्टेशन के पास स्थित तीन मंजिला व्यावसायिक इमारत में भीषण आग लगने से 27 लोगों की जान चली गई. जबकि 28 लोग घायल है. तो वहीं 29 लोग लापता है. घायलों को निजी संजय गांधी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. जिसमें की अभी भी राहत एवं बचाव का कार्य जारी है. वहीं घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली सरकार में हड़कंप मच गया. मौके पर सत्येंद्र जैन ने घटनास्थल का जायजा लिया।
बचाव कार्य में जुटे दमकल अधिकारियों का कहना था कि अंदर का मंजर बेहद खौफनाक था. ज्यादातर शव जलकर राख हो चुके है. (Delhi Mundka Fire) उनमें से पता लगाना मुश्किल है की पुरुष है या महिला. फिलहाल निकाले गए शवों को संजय गांधी अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखा गया है. मौजूद अधिकारियों का कहना है. शवों की पहचान के लिए डीएनए कराना होगा. ऐसे में परिवार अपनों को ढूंढ रहे है और रो-रोकर बुरा हाल है, मरने वालों की सख्या में सबसे ज्यादा महिलांए है. जो दूसरी मंजिल पर बरामद हुए है।
जानकारी के मुताबिक घटनास्थल पर कार्यारत लोगों ने बताया इतना बड़ा हादसा होने से टल सकता था. अगर किसी के पास फोन होता लेकिन यहां काम करने से पहले लोगों का फोन को जमा करवा लिया जाता है. जिससे काम में कोई बाधा न पड़ सके. इस घटना के बीच एक-दुसरे को सपंर्क नहीं कर सके और फैलती आग का शिकार हो गए. कई लोग आग से बचने के लिए बिल्डिंग से कूदने लगे अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया ।
घटना के 19 घंटे बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हालात का जायजा लेने घटनास्थल पर पहुंचे. अरविंद केजरीवाल ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, साथ ही सभी घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे. सीएम केजरीवाल ने ये भी कहा कि जो भी मामले में दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि जिस इमारत में आग लगी वो 4 मंजिला है. इसका उपयोग व्यावसायिक रूप से कंपनियों को कार्यालय स्थान प्रदान करने के लिए किया जाता है. हादसे के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री के मालिक के दोनों बेटों को गिरफ्तार कर लिया है।