India News (इंडिया न्यूज), Dengue Cases, चंडीगढ़ : हरियाणा में पिछले कुछ समय में डेंगू के मामलों में इजाफा हुआ है और मच्छर जनित इस बीमारी के चलते स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों की भीड़ भी बढ़ी है। पिछले एक माह में हर रोज औसतन 60 से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए हैं। जुलाई के बाद मच्छर जनित डेंगू के मामलों में बेहद तेजी आई है और इसके चलते लगातार संक्रमण भी फैला है। बीमारी के वातानुकूलित परिस्थितियां होने के चलते भी केसों में बढ़ोतरी संभव है।
इस साल बीमारी से कई मरीजों की मौत हो चुकी है। कई जिलों में बीमारी के मामले स्थिति चिंताजनक है। ये भी बता दें कि हरियाणा में दूसरे राज्यों के साथ लगते प्रदेश के जिलों में बाहर से भी मरीज आ रहे हैं। साथ लगते हिमाचल प्रदेश से बड़े पैमाने पर इलाज के लिए मरीज पंचकूला का रुख करते हैं। इसके मद्देनजर कालका और परवाणु के अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए 6 जून 2023 को हिमाचल प्रदेश राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक सीमा पार बैठक आयोजित की गई। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश राज्य के साथ एक सीमा पार बैठक 24 अप्रैल 2023 को वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक, आरओएचएफडब्ल्यू, भारत सरकार, चंडीगढ़ की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी।
हरियाणा में कई जिलों में डेंगू के मामले बेहद तेजी से बढ़े हैं। प्रदेश के चरखी दादरी में इस साल अब तक 872 डेंगू के मामले रिपोर्ट हुए हैं। वहीं पंचकूला इस मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां 652 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा यमुनानगर में 634, हिसार में 551, अंबाला में 539, और करनाल में 466 लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। उपरोक्त के अलावा भिवानी में 247, फरीदाबाद में 187, फतेहाबाद में 80, गुरुग्राम 275, झज्जर 381, जींद में 314, कैथल 105, कुरुक्षेत्र में 257, महेंद्रगढ़ में 44, नूंह में 28, पलवल में 108, पानीपत 295, रेवाड़ी में 399, रोहतक में 296, सिरसा में 349 और सोनीपत में 313 मामले रिपोर्ट हुए हैं।
साल 2015 में प्रदेश में कुल 9921 डेंगू के केस आए थे। वहीं साल 2016 में 2494 केस रिपोर्ट हुए। इसके बाद 2017 में 4550 और 2018 में नए मामलों में व्यापक स्तर पर कमी दर्ज की गई। इस साल बीमारी के कुल 1936 मामले रिपोर्ट हुए। फिर साल 2020 में 1377 केस कंफर्म हुए। इसके बाद साल 2021 में डेंगू के मामलों में कई गुना इजाफा हुआ है और एक साल की अवधि में 11836 मामले कंफर्म हुए। फिर अगले साल 2022 में 8996 नए केस आए। 2023 में अब तक 7356 मामले आ चुके हैं।
हरियाणा में बीमारी से अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि माना जा रहा है कि ज्यादा लोगों की मौत बीमारी से हुई है लेकिन विभाग द्वारा कुछ मौत को संदिग्ध मौत की कैटेगरी में रखा है। वहीं ये भी बता दें कि हरियाणा में पिछले साल 2022 में बीमारी से सबसे ज्यादा 18 लोगों की मौत हुई थी वहीं 2015 में बीमारी ने 13 लोगों की जान ले ली। 2016 से लेकर साल 2020 तक 5 साल की अवधि में बीमारी से कोई मौत नहीं हुई। साल 2015 से लेकर 2023 तक करीब पौने 9 साल की अवधि में कुल 48 लोगों की मौत हई है। इस लिहाज से हर साल औसतन 5 से ज्यादा लोगों की मौत बीमारी के चलते हई है।
डेंगू के मरीजों के लिए सिविल अस्पताल में 154 वार्ड और 978 बिस्तर आरक्षित रखे गए हैं। घर-घर स्रोत कटौती गतिविधियां यानी 160 मच्छरों के प्रजनन स्रोतों की पहचान और उन्मूलन किया जा रहा है। स्रोत कटौती गतिविधियों को मजबूत करने के लिए 1 जुलाई से सभी जिलों में 590 घरेलू प्रजनन जांचकर्ता (डीबीसी) तैनात किए गए हैं। स्रोत कटौती गतिविधियों को मजबूत करने के लिए 1 जुलाई से सभी जिलों में 590 घरेलू प्रजनन जांचकर्ता (डीबीसी) तैनात किए गए हैं। पिछले वर्ष जिला पंचकूला के कालका/पिंजौर क्षेत्र में डेंगू के प्रकोप को देखते हुए 1 अप्रैल 2023 से 50 डीबीसी पहले ही तैनात किए जा चुके हैं। हरियाणा में अकेले सितंबर महीने में करीब 3 हजार नए डेंगू के मामले आए।
हरियाणा में साल 2023 में अब तक पिछले साल की तुलना में कम मामले आए हैं। गौरतलब है कि 2021 में 9921 केस रिपोर्ट हुए थे। 2016 में 2494 और 2017 में 4550 लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। वहीं 2018 में 1936 और 2019 में मरीजों का आंकड़ा 1207 था। इसके बाद 2020 में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ औऱ इस साल 1377 लोग बीमारी की चपेट में आए। वहीं साल 2022 में 8996 मरीज रिपोर्ट हुए और 2021 में 11835 मरीज कंफर्म हुए।
हरियाणा में इस साल 31 अगस्त तक 1459 मामले रिपोर्ट हुए थे। वहीं अब तक कुल 7356 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा हरियाणा में मलेरिया और चिकनगुनिया के भी मामले लगातार रिपोर्ट हो रहे हैं। 31 अगस्त तक हरियाणा में मलेरिया के 41 मामले कंफर्म हुए तो चिकनगुनिया के 72 केस रहे। इसके बाद अब तक मलेरिया के कुल 85 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। वहीं चिकनगुनिया के मामलों में कई गुना इजाफा हुआ। अब तक 542 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं।
डेंगू को हराने के लिए तीन विभाग संयुक्त रुप से काम कर रहे हैं। शहरी निकाय और पंचायत विभाग इलाकों में फॉगिंग करवा रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग के साथ कोर्डिनेशन बनाकर चल रहे हैं। इसके अलावा जिन इलाकों में पिछले तीन साल मलेरिया के मामले ज्यादा रहे, उन संवेदनशील इलाकों में इंडोर रेसिड्यूल स्प्रे (आईआरएस) किया गया।
ये भी बता दें कि प्रदेश में डेंगू की टेस्टिंग के लिए 27 लैब स्थापित की गई हैं। हर जिले में एक लैब है। प्राइवेट लैब या अस्पताल में डेंगू की टेस्टिंग के लिए 600 रुपए फीस निर्धारित की गई है। प्राइवेट अस्पताल डेंगू की रिपोर्टिंग के लिए शामिल किए गए हैं। इसमें अन्य वेक्टर बोन डिजिज की टेस्टिंग भी एड की गई है। डेंगू से कैजुअलटी रोकने के लिए सरकारी अस्पतालों में दाखिल मरीजों के लिए फ्री सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) का प्रोविजन भी रखा गया है। इससे पहले एसडीपी के लिए 8,500 रुपए सरकारी अस्पतालों में चार्ज किए जाते थे।
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