India News Haryana (इंडिया न्यूज), Dengue : हरियाणा में एक बार फिर डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। डेंगू के नए मामलों में जहां पंचकूला सबसे ऊपर है तो जीटी रोड बेल्ट पर पड़ने वाले कई जिलों में डेंगू के केस लगातार रिपोर्ट हो रहे हैं, जिसके चलते स्थिति चिंताजनक हो गई है। पंचकूला और हिसार सहित हरियाणा में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पंचकूला और हिसार हॉट स्पॉट सेंटर बन गए हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में पंचकूला, हिसार, गुरुग्राम, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत व कुरुक्षेत्र जिले हैं। ये भी बता दें कि अगर किसी मरीज को प्राइवेट अस्पताल में टेस्ट कराना है तो उसकी कीमत सरकार ने 600 रुपये तय कर रखी है। सरकारी अस्पताल में डेंगू का टेस्ट मुफ्त किया हुआ है, अगर किसी मरीज को प्लेटलेट्स की कमी होती है तो उसकी कीमत 11 हजार रुपए है. वहीं, सरकारी अस्पताल में मुफ्त में मिलती है।
वहीं आपको जानकारी दे दें कि वर्ष 2015 में प्रदेश में कुल 9921 डेंगू के केस आए थे। वहीं साल 2016 में 2494 केस रिपोर्ट हुए। इसके बाद 2017 में 4550 और 2018 में नए मामलों में व्यापक स्तर पर कमी दर्ज की गई। इस साल बीमारी के कुल 1936 मामले रिपोर्ट हुए। फिर साल 2020 में 1377 केस कंफर्म हुए।
इसके बाद साल 2021 में डेंगू के मामलों में कई गुना इजाफा हुआ है और एक साल की अवधि में 11836 मामले कंफर्म हुए। फिर अगले साल 2022 में 8996 नए केस आए। 2023 में 8081 मामले आ चुके हैं। इस साल अब तक 4500 से ज्यादा मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। पंचकूला में अब तक 1245, हिसार में 443, करनाल में 378, सोनीपत में 310, रेवाड़ी में 283, पानीपत में 262 और कुरुक्षेत्र में 210 मामले रिपोर्ट हुए हैं। बाकी कैसे अन्य जिलों में सामने आए हैं।
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हरियाणा में बीमारी से अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि माना जा रहा है कि ज्यादा लोगों की मौत बीमारी से हुई है, लेकिन विभाग द्वारा कुछ मौत को संदिग्ध मौत की कैटेगरी में रखा है। वहीं ये भी बता दें कि हरियाणा में पिछले साल 2022 में बीमारी से सबसे ज्यादा 18 लोगों की मौत हुई थी वहीं 2015 में बीमारी ने 13 लोगों की जान ले ली।
2016 से लेकर साल 2020 तक 5 साल की अवधि में बीमारी से कोई मौत नहीं हुई है। साल 2015 से लेकर 2023 तक 9 साल की अवधि में कुल 44 लोगों की मौत हई है। इस लिहाज से हर साल औसतन 5 से ज्यादा लोगों की मौत बीमारी के चलते हुई है। वहीं साल 2024 में अब तक कई मरीजों की मौत बीमारी से हो चुकी है।
आपको यह भी बता दें कि राज्य में कुल 27 डेंगू जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं, जिनमें से प्रत्येक जिले में कम से कम एक प्रयोगशाला है। इसके अलावा, निजी अस्पतालों/प्रयोगशालाओं को अनुशंसित डेंगू जांच (एलिसा आधारित एनएस1/आईजीएम) के लिए अधिकतम 600 रुपये शुल्क लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में भर्ती हरियाणा के मूल निवासी डेंगू रोगियों के लिए निःशुल्क सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) का प्रावधान किया गया है।