इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
Dental Surgeon Recruitment Scam : एचपीएससी कार्यालय में हुई विजिलेंस जांच, 24 एचसीएस और 16 डेंटल सर्जन उम्मीदवारों की ओएमआर शीट कब्जे में ली। हरियाणा में हुए डेंटल सर्जन भर्ती घोटाले की जांच कर रही स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने सोमवार शाम 7 बजे के बाद भी एचपीएससी के दफतर में जांच पड़ताल जारी रखी। विजिलेंस ने एचपीएससी के चेयरमैन आलोक वर्मा और सचिव से भी बातचीत की।
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विजिलेंस एचसीएस अनिल नागर, नवीन और अश्विनी शर्मा को कार्यालय के प्रथम तल पर बने उसके कार्यालय में ले गई। जहां पर विजिलेंस ने लगातार कई घंटे जांच की। विजिलेंस ने रिकार्ड की लीस्ट सचिव को सौंपी। टीम दोपहर 3 बजे कार्यालय में पहुंची थी।
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24 एचसीएस अधिकारियों की सूची बरामद Dental Surgeon Recruitment Scam
विजिलेंस ने एचपीएससी के चेयरमैन व सचिव से भी इस बारे मुलाकात की। दोनों अधिकारियों ने विजिलेंस के आने से पहले ढाई बजे आपस में मीटिंग भी की। जानकारी अनुसार विजिलेंस ने अनिल नागर की निशानदेही पर 24 एचसीएस अधिकारियों की सूची बरामद की है। यह सूची उसके पर्स से बरामद हुई। इन अधिकारियों का पुराना रिकार्ड जुटाया जा रहा है और ओएमआर शीट निकलवाई गई।
16 उम्मीदवारों की ली ओएमआर शीट Dental Surgeon Recruitment Scam
डेंटल के 16 उम्मीदवारों की ओएमआर शीट भी ली। ये वो लोग है जिन्हें अनिल नागर ने पास किया। टीम ने एक प्रिंटर भी अपने कब्जे में लिया है। हरियाणा लोक सेवा आयोग के चेयरमैन आलोक ने बताया कि जांच जारी है। रिपोर्ट आने के बाद ही भर्ती रद्द करने के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
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मंगलवार को तक होगा रिमांड Dental Surgeon Recruitment Scam
इससे पहले सुबह आरोपी नवीन और अश्विनी को कोर्ट में पेश किया। जहां से दोनों का एक और दिन का रिमांड विजिलेंस को मिल गया। तीनों का रिमांड मंगलवार को खत्म होगा। रिमांड मिलने के बाद विजिलेंस नवीन, अश्विनी और अनिल नागर को लेकर हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन एचपीएससी के कार्यालय पहुंची और रिकॉर्ड खंगाला।
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विजिलेंस ने कोंठ गांव में भाी दी थी दबिश Dental Surgeon Recruitment Scam
विजिलेंस की टीम ने रविवार को भिवानी के कोंठ गांव में दबिश दी थी। यह गांव नवीन का है। विजिलेंस ने नवीन के घर से कुछ डेंटल फार्म और रोल नंबर बरामद किए थे। देर रात को ही विजिलेंस टीम वापस पंचकूला लौट आई थी। बता दें कि मामले में एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर और अश्विनी शर्मा भी आरोपी हैं।
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विवि कनेक्शन की जांच Dental Surgeon Recruitment Scam
मामले में मुख्य आरोपी एचसीएस अनिल नागर का रिमांड मंगलवार को पूरा होगा। रिमांड पूरा होने से पहले पुलिस एक बार फिर से सोमवार को अनिल नागर को अश्विनी शर्मा के सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है, ताकि गिरोह का चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय से जुड़े कनेक्शन का पता चल सके। तीनों आरोपियों ने चौधरी बंसी लाल विावि से जुड़े पवन और देवेंद्र रावत के नाम उजागर किए थे।
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रविवार को भिवानी पहुंची थी टीम Dental Surgeon Recruitment Scam
विजिलेंस की टीम को भिवानी में नवीन के घर से जो रोल नंबर और डेंटल सर्जन के फार्म मिले हैं, वे नवीन ने अश्विनी शर्मा को दिए थे। 11 में से 8 परीक्षार्थी पास हो गए थे। हिसार के दौलतपुर निवासी नरेंद्र की शिकायत में जिस उम्मीदवार दलबीर सिंह का डेंटल सर्जन का पेपर पास करवाने के लिए रोल नंबर दिया था, उसका भी फार्म मिला है। इस रोल नंबर का डेंटल सर्जन का पेपर पास करवाने के लिए नवीन ने 20 लाख रुपए थे।
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पूछताछ में कबूला, 16 नाम दिए Dental Surgeon Recruitment Scam
विजिलेंस की टीम ने रविवार को एचसीएस अनिल नागर, नवीन और अश्विनी शर्मा को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूला कि एचसीएस परीक्षा पास करवाने के लिए कुल 16 नाम दिए थे। इसमें से पांच पास हुए थे। 10 नाम नवीन ने दिए थे। पांच नाम पवन और एक नाम देवेंद्र रावत ने दिया था। पवन और देवेंद्र रावत का लिंक भिवानी के चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के साथ है।
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नागर के घर से 12 लाख रुपये बरामद हुआ था कैश Dental Surgeon Recruitment Scam
विजिलेंस के सर्च अभियान में एचसीएस अधिकारी अनिल नागर के पंचकूला घर से करीब 12 लाख कैश, 50 लाख की कीमत की जमीन के कागज, लैपटॉप और फोन बरामद किया गया। इससे पहले विजिलेंस ने झज्जर से अश्विनी के घर से करीब एक करोड़ आठ लाख रबरामद किए थे। नवीन से करीब 20 लाख बरामद किए थे।
घटनाक्रम Dental Surgeon Recruitment Scam
डेंटल सर्जन भर्ती में ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने के मामले में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर को 90 लाख कैश के साथ उनके कार्यालय से पकड़ा था। यह पैसा अनिल नागर का सहायक झज्जर निवासी अश्विनी देने कपहुंचा था। क्योंकि विजिलेंस ने उसके घर से करीब एक करोड़ आठ लाख रुपये की राशि बरामद की थी।
उसने खुलासा किया था कि इसमें से 90 लाख अनिल नागर के हिस्से के हैं। विजिलेंस के कहने पर वह पंचकूला कार्यालय में पैसे देने के लिए पहुंचा और अनिल नागर ने जब उससे कैश लिया तो विजिलेंस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। मामले में सबसे पहले 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन को पंचकूला में ही 20 लाख लेते पकड़ा था।