इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
बेअदबी मामलों की जांच को लेकर सिरसा डेरा मुखी राम रहीम के पक्ष में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला दे दिया है। जैसे ही कोर्ट ने फैसला दिया तो फैसले से पंजाब की सरकार को बड़ा झटका लगा। हाईकोर्ट में डाली गई एक डेरा मुखी की याचिका पर कोर्ट ने साफ किया कि बेदअबी से जुड़े तीनों मामलों में जांच और ट्रायल के दौरान डेरामुखी को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही पेश किया जाए। ऐसे में पंजाब पुलिस की एसआईटी पूछताछ के लिए डेरामुखी को प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब में नहीं ला पाएगी। Big Relief To Dera Mukhi In The Investigation Of Sacrilege Cases
ज्ञात रहे कि डेरा मुखी ने मांग की थी कि उसके जीवन को खतरा है, इसलिए 25 सितंबर 2015 और 12 अक्टूबर 2015 को बाजाखाना थाने में दर्ज आपराधिक केस में जांच/ट्रायल के लिए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी करवाई जाए। इस समय डेरा मुखी रोहतक की सुनारिया जेल में है। पंजाब सरकार और अन्यों को पार्टी बनाते हुए याचिका दायर की गई थी। यह भी बता दें कि राम रहीम को साध्वियों के साथ यौन शोषण, रामचंद्र छत्रपति और डेरा प्रबंधक रंजीत हत्याकांड में सजा हो चुकी है। इसके अलावा 400 साधुओं को भी नपुंसक बनाने के केस और बेअदबी के मामलों में कार्रवाई अभी तक लंबित है।
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