अजय खरबंदा ने अनोखी डिजिटल राखी बनाई है। भाई की कलाई पर जब डिजिटल राखी बांधी जाएगी और राखी पर दिए गए क्यूआर कोड को गूगल कैमरे से मोबाइल फोन पर स्कैन किया जाएगा, तो उसी वक्त भाई-बहन के प्यार से जुड़े गीतों की वीडियो सुनने-देखने को मिलेगी।
रक्षाबंधन भी अब तकनीक के चलते डिजिटल हो गया है। बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है, भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना जैसे गीतों के बोल प्यार का अहसास कराएंगे। इस तरह की डिजिटल राखियां बाजार में उपलब्ध हैं। पांच नंबर एम ब्लाक निवासी तथा साईं राखी निर्माता अजय खरबंदा ने कुछ ऐसी ही राखियां तैयार की हैं। कोरोना की वजह से इन दिनों बहुत सी बहनें दूसरे शहरों में अपने भाइयों के घर नहीं जा पा रही हैं। ऐसी बहनें भाइयों के घर भेजने के लिए डिजिटल राखियां खरीद रही हैं। इस तरह की डिजिटल राखी की कीमत 150 से 450 रुपये है।
अजय खरबंदा ने बताया कि वह कई वर्षों से राखी बनाने के काम से जुड़े हैं। इस वर्ष कुछ नया किया है। अजय खरबंदा ने बताया कि बच्चों के लिए अलग से कार्टून कैरेक्टर वाली डिजिटल राखियां भी तैयार की हैं। इसकी कीमत 75 से 200 रुपये है। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर एक तरफ जहां आपको गाने सुनाई देंगे तो वही दूसरी प्रकार की राखियों में टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए आपको गाने की आवाज के साथ साथ वीडियो भी दिखाई देगी और यह वीडियो तब तक चलेगी जब तक वो पूरी तरह से खत्म नहीं होगी या फिर फोन को बंद ना कर दें।राखी निर्माता अजय खरबंदा ने बताया कि आज हम डिजिटल युग में हैं। हमारे पास हर वो उपकरण मौजूद है जिसके चलते हम किसी के दूर होने पर भी उससे बात कर सकते हैं, उसके पास होने का एहसास हमें हो जाता है। इसी एहसास को लेकर इन राखियों को तैयार किया गया है ताकि जो बहनें अपने भाइयों के पास नहीं जा सकती उनका प्यार भरा संदेश जरूर उन भाइयों के पास राखी के साथ जा सकता है।