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Anil Vij’s Displeasure : जारी है प्रदेश के भाजपा दिग्गज अनिल विज की नाराजगी

• LAST UPDATED : April 13, 2024
  • अब पूर्व सीएम मनोहर लाल के चुनाव प्रचार में जाने से किया इनकार

  • पूर्व सीएम के साथ मतभेदों के चलते लगातार हैं नाराज

  • पार्टी की लोकसभा बैठकों से भी किया किनारा

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Anil Vij’s Displeasure : भाजपा दिग्गज अनिल विज लंबे समय से स्टेट लीडरशिप, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनके वफादार नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से लगातार नाराज चल रहे हैं। खुद नए सीएम नायब सिंह सैनी विज के अंबाला निवास से उनके आवास पर शिष्टाचार मुलाकात कर गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन स्थिति कमोबेश वैसी ही है और उनकी नाराजगी बरकरार है। अनिल विज ने लोकसभा चुनाव से लेकर जारी पार्टी की बैठकों से भी दूरी बना ली है।

बता दें कि पिछले दिनों विज ने पंचकूला में अंबाला लोकसभा की तैयारियों को लेकर लोकसभा प्रभारी व राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई बैठक से भी दूरी बना ली। अब इसी कड़ी में सामने आया है कि उन्होंने करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे पूर्व सीएम मनोहर लाल के चुनाव प्रचार में भी नहीं जाने का फैसला किया है, जिसकी हर जगह चर्चा है।

अब इसको लेकर उन्होंने सार्वजनिक रूप से बयान भी दे दिया है। यह भी बता दें कि कुछ समय पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि अनिल विज कभी-कभी नाराज हो जाते हैं, उनको मना लिया जाएगा। वहीं इसके जवाब में अनिल विजय ने कहा था कि वह बिल्कुल नाराज नहीं हैं।

Anil Vij’s Displeasure : बोले- जब विश्वास ही नहीं तो साथ काम करने का क्या मतलब

अनिल विज लगातार कह रहे हैं जब पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को उन पर भरोसा ही नहीं है तो साथ काम करने का क्या मतलब रह जाता है। बता दें कि 12 मार्च से लगातार अनिल विज कह रहे हैं कि प्रदेश में सीएम बदला जाना है, लेकिन पार्टी का सबसे सीनियर नेता और 6 बार का विधायक होने के बावजूद उनको इस बारे में हिंट तक नहीं दिया गया जो कि बेहद दुखदायी है। इसी कड़ी में 9 मार्च को उन्होंने कहा कि मैं अब अपनी औकात पर आ गया हूं।

गौरतलब है कि 12 मार्च को हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। मुख्यमंत्री बदले जाने से पूर्व सीएम मनोहर लाल और अनिल विज दोनों एक साथ ही राजभवन एक ही गाड़ी में चक्कर काट रहे थे, लेकिन बाद में अनिल विज ने कहा कि मुख्यमंत्री लाल ने उनको प्रदेश में इतने बड़े बदलाव के बारे में बताना तक वाजिब नहीं समझा। विज फिलहाल नायब सिंह सैनी कैबिनेट का हिस्सा भी नहीं हैं।

अब पूर्व सीएम के चुनाव प्रचार से दूरी

अनिल विज लगातार कह रहे हैं कि वो पार्टी के एक छोटे से कार्यकर्ता हैं और वो खुद को अंबाला तक ही सीमित रखेंगे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करनाल लोकसभा चुनाव के प्रचार में जाने से मना करने के पीछे के कारण का हवाला देते हुए बताया कि जब मुख्यमंत्री बदलने जैसे फैसलों पर उनसे बात ही नहीं की तो ऐसे में उनको महसूस होता है कि उन पर विश्वास नहीं है।

यहां से कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक मत दिलाएं। वो लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। हमें किसी को नेगेटिव बताने की जरूरत नहीं है। हमें पाॅजिटिव बताने के लिए बहुत सारी बातें हैं। आगे कहा कि मैं अपनी अंबाला कैंट (विधानसभा) सीट पर ध्यान केंद्रित करूंगा और अंबाला संसदीय सीट के उम्मीदवार बंतो कटारिया के लिए अधिकतम वोट हासिल करने की कोशिश करूंगा।

विभागीय हस्तक्षेप के बाद विज और खट्टर में बढ़ी थी दूरियां

दरअसल अनिल विज और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल में कई मुद्दों पर खटपट और दूरियां थीं। पिछले साल उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तेक्षप का हवाला देते हुए करीब दो महीने तक विभागीय काम और फाइलों से दूरी बना ली थी। मामले को लेकर पूर्व सीएम मनोहर लाल और विज के बीच कई बार बैठक हुई, फिर किसी तरह से मामले का पटाक्षेप हुआ। इससे पहले मनोहर लाल और विज के बीच सीआईडी, आईपीएस अधिकारियों के तबादलों समेत कई मामलों पर खींचतान रही। विज लगातार कहते रहे हैं, अगर कोई मेरे काम में दखल देने की कोशिश करता है तो मैं उसे कभी बर्दाश्त नहीं करता।

मुख्यमंत्री के शपथग्रहण के बाद सीएम के डिनर से भी दूरी बनाई

अनिल विज ने नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से दूरी बनाने के बाद उनको मंत्रीमंडल में शामिल होने से भी परहेज किया। इसी कड़ी ये बता दें कि 9 मार्च को लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नायब सिंह सैनी ने अपने आवास पर डिनर रखा था, जिसमें अनिल विज को भी निमंत्रण दिया गया था, लेकिन जैसी उम्मीद जताई जा रही थी, वो डिनर में नहीं गए। इस बारे में उन्होंने पहले ही ये कहते हुए हिंट दिया था कि निमंत्रण तो मिला था, लेकिन देखेंगे कि जाना है या नहीं।

गौरतलब है मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने सरकारी आवास पर सोमवार को विधायक दल की मीटिंग और कैबिनेट मंत्रियों के साथ लोकसभा चुनाव पर चर्चा करने के लिए दो अलग-अलग मीटिंग बुलाई थीं। इन मीटिंग के बाद ही आवास पर डिनर का भी प्रबंध किया गया था जिसमें विज शामिल नहीं हुए।

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