इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विद्यार्थियों को दिए गए लाखों टेबलेट के लिए स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां (एसएमसी) विद्यालयों में चार्जिंग की व्यवस्था जानी चाहिए। इसके लिए कमेटियां सोलर सिस्टम व अन्य आवश्यक उपकरणों का प्रबंधन करें। मुख्यमंत्री रोहतक में टेबलेट वितरण समारोह के दौरान विद्यार्थियों, अभिभावकों व शिक्षकों से संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने फतेहाबाद के एक स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के सदस्य रोजी से कहा कि एसएमसी को टैबलेट चार्जिंग के लिए स्कूलों में आवश्यक प्रबंध करने चाहिएं।
सीएम ने पंचकूला की छात्रा शिवानी से भी वर्चुअली सीधा संवाद किया। शिवानी ने मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि इस टैबलेट से वह आॅनलाइन व आॅफलाइन पढ़ाई कर सकेगी और बोर्ड की परीक्षा देकर अच्छे कॉलेज में दाखिला ले सकेगी। मुख्यमंत्री ने शिवानी से यह भी पूछा कि क्या उन्हें टैबलेट को चलाने के लिए किसी ट्रेनिंग की जरूरत है तो शिवानी ने ट्रेनिंग के लिए हामी भरी।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके शिक्षकों को टैबलेट देने के साथ-साथ ट्रेनिंग भी दी जाएगी, ताकि वे विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ ट्रेनिंग भी दे सकें। करनाल की पीजीटी सुमनलता ने कहा कि आज तकनीक का युग है, मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को टेबलेट देकर बहुत अच्छा प्रयास किया है। इसके माध्यम से बच्चों के आकाश छूने का सपना साकार होगा और वे ग्लोबल स्टूडेंट बनेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 33 हजार अध्यापकों को भी टेबलेट दिए जा रहे हैं। यमुनानगर से एक विद्यार्थी के अभिभावक मोहम्मद समीम ने भी हरियाणा सरकार के इस कदम की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया किया कि टेबलेट के साथ-साथ विद्यार्थियों को 2 जीबी इंटरनेट डाटा भी मुफ्त दिया गया है। कार्यक्रम में मौजूद रोहतक के रहने एक छात्र के अभिभावक सतीश ने रागनी के माध्यम से टेबलेट वितरण योजना की सराहना की। इस रागनी के बोल-भारत के प्रधानमंत्री ने इसी योजना बनाई है, डिजिटल इंडिया हो म्हारा, याहे मन मैं ठाई सै।
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत इंजीनियरिंग और लॉ की पढ़ाई अगले वर्ष से हिंदी में भी होगी। विद्यार्थी अपनी इच्छानुसार पाठ्यक्रम चुन सकेंगे। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए 500 नए मॉडल संस्कृति स्कूल खोले जा रहे हैं। इसके अलावा 4 हजार प्ले-वे स्कूलों में खेले जा रहे हैं। कामकाजी महिलाओं के लिए क्रेच की व्यवस्था की जा रही है। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शामलात भूमि की मलकियत पंचायतों को दी गई है। ग्राम पंचायतें उस भूमि पर स्कूल या अन्य सार्वजनिक कार्य करवाना चाहती है तो उसकी मलकीयत सरकार के पक्ष में करनी होगी। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं रहेगी। इसके अतिरिक्त एक अन्य सवाल के जवाब में भी मुख्यमंत्री ने कहा कि गौड़ शिक्षण संस्थान को लीज पर दी गई पहरावर गांव की जमीन संस्थान के नाम नहीं हो पाई थी। इसी दौरान पहरावर गांव नगर निगम के दायरे में आ गया। उन्होंने कहा कि संस्थान नगर निगम से यह जमीन लीज पर लेने के लिए दोबारा से आवेदन करे।