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Dog Bite : हरियाणा में कुत्ते बने जान के दुश्मन, हर रोज 100 लोगों को नोंच रहे

• LAST UPDATED : February 6, 2023

इंडिया न्यूज, Haryana (Dog Bite) : हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों में डॉग बाइट के मामले बेहद बढ़े हैं। बड़े स्तर पर लोग कुत्तों के काटने के शिकार हो रहे हैं। हालांकि इसको लेकर समय-समय पर नई गाइडलाइन भी जारी की जाती है लेकिन कुत्तों द्वारा लोगों को काटे जाने की घटनाएं रुक नहीं रही।

इस वर्ष 1 जनवरी की बात करें तो गुरुग्राम के सेक्टर-47 में लेब्राडोर नस्ल के कुत्ते ने महिला व बच्ची पर हमला कर दोनों को घायल कर दिया। यह केवल केवल एक मामला नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश के कई जिलों से कुत्तों द्वारा हमला किए जाने के मामले सामने आए हैं। हालांकि अधिकारिक जानकारी में सामने आया है कि हरियाणा में हर रोज लगभ 100 लोग कुत्तों के काटे जाने का शिकार हो रहे हैं जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।

2021 में 36,328 मामले डॉग बाइट के

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में वर्ष 2021 में 36,328 मामले डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं और औसतन हर माह 3,000 से ज्यादा लोग कुत्तों के काटे जाने के शिकार हो रहे हैं। साल 2022 में जनवरी से लेकर नवंबर तक 11 महीने की अवधि में कुत्तों के काटे जाने के 31,113 मामले रिपोर्ट हुए हैं। हर महीने करीब 2828 लोग कुत्तों द्वारा काटे जा रहे हैं, जोकि बेहद चिंतनीय विषय है। इस दिशा में पुख्ता कदम उठाने जाने की जरूरत है।

हरियाणा में डॉग बाइट के मामले हिमाचल व पंजाब से ज्यादा

हरियाणा में डॉग बाइट के मामले में स्थिति इतनी गंभीर है कि हरियाणा प्रदेश ने पड़ोसी पंजाब और हिमाचल को भी पीछे छोड़ दिया है। हिमाचल में पिछले साल 14 हजार से ज्यादा मामले आए थे, पंजाब में आंकड़ा करीब 14,500 था। वहीं हरियाणा में पिछले साल 31,113 मामले रिपोर्ट हुए थे। वहीं साल 2021 की बात करें हरियाणा में 36328 मामलों की तुलना में हिमाचल में 7,500 से ज्यादा और पंजाब में 9 हजार से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए थे।

पालतू कुत्तों ने भी चिंता बढ़ाई, मालिक, पड़ोसी व आने-जाने वालों पर हो रहे हमलावर

पालतू कुत्ते केवल पड़ोसी व आसपास से गुजरने वालों पर ही नहीं, बल्कि अपने मालिक की जान के लिए भी खतरा बन रहे हैं। पिछले साल हरियाणा के यमुनानगर के गांधी नगर थाना क्षेत्र की जम्मू कॉलोनी में कुछ समय पहले पिटबुल नस्ल के दो कुत्तों ने अपने ही मालिक को नोचकर मार डाला। व्यक्ति पशुओं की डेयरी में कुत्तों को लाया था। कुत्तों ने व्यक्ति को टांग, मुंह, हाथ, पेट समेत कई जगह से बुरी तरह काटा। उसे बचाने आए दो युवकों को भी कुत्तों ने काट लिया। ऐसे में मामले से साफ है कि पैट डॉग्स को रखना कितना खतरनाक है।

सोनीपत, गुरुग्राम, पंचकूला समेत कई जिलों ने पालतू कुत्तों को लेकर यह हैं निर्देश

पालतू कुत्ते रखे जाने पर कई जिलों ने निर्देश व गाइडलाइन जारी कर रखी है। वहीं सोनीपत के गन्नौर में म्युनिसिपल कमेटी ने पैट डॉग्स रखने को लेकर बाकायदा निर्देश जारी कर रखे हैं। इनकी अवहेलना करने वालों के लिए कड़े नियम भी बनाए गए हैं। जो भी पेट डॉग रखेगा, उसको उसका मुंह ढककर ही सार्वजनिक स्थान पर ले जाया जा सकता है। इतना ही नहीं, एक परिवार एक ही पैट डॉग रख सकता है।

नियमों की पालना नहीं करने पर पालतू कुत्ता रखने वाले व्यक्ति पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है। पंचकूला नगर निगम ने भी पिछले साल पेट डॉग रखे जाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निगम ने यहां के लोगों के लिए विदेशी प्रजाति के पिटबुल और रोटविलर कुत्ते रखने पर भी बैन कर दिया है। यूटी चंडीगढ़ में भी इसको लेकर कड़े नियम हैं।

इन खतरनाक 11 विदेशी प्रजाति कुत्ते रखने पर बैन

पालतू कुत्तों द्वारा निरंतर लोगों को काटे जाने की घटनाएं रिपोर्ट होने पर जिला कंज्यूमर फोरम गुरुग्राम ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि देश में 11 प्रजाति के विदेशी कुत्ते रखने पर पूरी तरह से बैन है, इनमें अर्जेंटीनो, पिटबुल, रोटविलर, डोगो, बोरबेल, परेसा कोनरियो, वॉल्फ डॉग, बैनडॉग, अमेरिकन बुलडॉग, फिला बरासिलेरियो और केन कोरसो शामिल हैं। इन तीनों में सबसे ज्यादा खतरनाक पिटबुल, रोटविलर और डोगो अर्जेंटीनो है।

जानिए क्या कहते हैं नियम

पालतू कुत्ते रखे जाने को लेकर म्युनिसिपल एक्ट 1994 में नियम पूरी तरह से साफ है। एक्ट के सेक्शन 309, 310 और 311 में साफ तौर पर नियमों का उल्लेख है। सेक्शन 309 किसी भी व्यक्ति को किसी पशु या पालतू जानवर को खुले में छोड़ने या किसी को नुकसान पहुंचाने, चोट पहुंचाने, जिंदगी खतरे में डालने में रोकता है। सेक्शन-310 में किसी व्यक्ति की ऐसी किसी हरकत से किसी को असुविधा होती है तो वहां भी प्रावधान है।

वहीं सेक्शन-311 के अनुसार पालतू कुत्तों का पंजीकरण जरूरी है। इसके अलावा पंजीकरण कुत्ते के गले में पट्टा होना चाहिए। इस पट्टे पर रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी द्वारा कुत्ता रखने को लेकर किसी धातु का टोकन जुड़ा होगा। यदि कुत्ते को सार्वजनिक स्थान पर ले जाता है और इसके गले में टोकन नहीं है तो फिर कुत्ते को डिटेन किया जा सकता है।

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