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karnal Drug Addiction Cases : प्रदेश में यहां हर साल बढ़ रहे नशे के मामले, नशा करने में महिला भी पीछे नहीं 

BY: • LAST UPDATED : January 16, 2025

इशिका ठाकुर, India News Haryana (इंडिया न्यूज), karnal Drug Addiction Cases : समाज में नशा लगातार बढ़ता जा रहा है। 14 वर्ष से लेकर उम्रदराज के लोग भरी नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग सरकार और पुलिस इस पर रोक लगाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। नशे के बढ़ते हुए केस को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विशेष तौर पर मनोरोग और नशा मुक्ति केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। अगर कोई व्यक्ति नशा छोड़ना चाहता है तो उसको विशेष परामर्श भी दिया जाता है और उसका इलाज कराया जाता है। जानते हैं कि करनाल में नशे की स्थिति क्या है।

karnal Drug Addiction Cases : कोरोना के बाद नशा करने के मामले बढ़े : डॉ. सिंधु

नागरिक अस्पताल की डॉक्टर सौभाग्य सिंधु ने बताया कि कोरोना के बाद नशा करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इसमें 14 वर्ष से लेकर उम्रदराज के लोग नशा कर रहे हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या बेशक कम है, लेकिन चिन्ताजनक है क्योंकि ये संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि अगर पिछले 3 साल की बात करें तो हर साल उनके पास नशे छोड़ने वाले लोगों के मामले बढ़ते जा रहे हैं जो हर साल दोगुने होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में रहने के लिए नशा करने वाले इंसान को बुरी नजर से देखा जाता है, क्योंकि नशे में ग्रस्त व्यक्ति अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है। व्यक्ति के स्वास्थ्य के साथ-साथ उसका परिवार और उसकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो जाती है।

नशा छोड़ने वाले लोगों को फ्री में दिया जा रहा परामर्श और इलाज

वहीं अगर कोई व्यक्ति नशा छोड़ना चाहता है तो वह सिविल अस्पताल में आकर परामर्श ले सकता है। हम उसकी काउंसलिंग करके देखते हैं। अगर वह दवाइयाें से ठीक हो जाता है तो सबसे अच्छी बात होती है और अगर उसको नशा मुक्ति केंद्र में रखने की जरूरत पड़ती है तो उसके लिए भी हमारे पास पुख्ता प्रबंध हैं। विभाग के द्वारा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया हुआ है, उसके जरिए भी वह हमसे संपर्क कर सकते हैं। क्योंकि नशा हर किसी के लिए एक बुरी बात है जिसे उसका खुद का स्वास्थ्य तो खराब होता ही है, परिवार का भी नाम खराब होता है।

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महिला हो या पुरुष नशा दोनों के लिए घातक

आमतौर पर देखा जाता है कि पुरुष ही नशा करते हैं, लेकिन करनाल में उनके पास महिलाएं भी नशा मुक्ति में इलाज करवाने के लिए पहुंच रही हैं। जहां पर परामर्श के बाद उनको दवाइयां दी जाती है और ज्यादातर महिलाओं को दवाइयां से ही नशा छुटवा दिया गया है। ऐसे में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। वह अपने 14- 15 साल की उम्र में गलत संगति में जाकर नशे की लत में पड़ जाती हैं, चाहे महिला हो या पुरुष दोनों गलत संगति के चलते ही नशे की गर्त में चले जाते हैं।

कई प्रकार के नशा करने वाले पहुंचते हैं उनके पास

डॉक्टर ने बताया कि उनके पास विभिन्न प्रकार के नशे करने वाले लोग पहुंचते हैं। इसमें शराब, दवाइयां का नशा और अन्य कई प्रकार के नशीले पदार्थ शामिल हैं। कुछ लोग इंजेक्शन से भी नशा करते हैं तो वहीं अलग-अलग नशे के लोग उनके पास इलाज करने के लिए पूछते हैं और ज्यादातर लोगों को यहां से राहत मिली है और वह ठीक होकर अपने घर गए हैं।

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नशे करने वाले की पहचान

नशा करने वाले व्यक्ति की यह पहचान होती है कि अगर उसको नशा न मिले तो उसका मानसिक संतुलन सही नहीं रहता और उसका शरीर कमजोर हो जाता है, उसका बात करने का तरीका अलग होता है। उसकी आंख और नाक से पानी आता है। यह जो अन्य प्रकार के नशे करते हैं, उनके हाथ पर भी हल्के जले के निशान पाए जाते हैं।

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लोगों को नशे न करने के प्रति किया जा रहा जागरूक

लोगों को नशे से दूर रहने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है और समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके अलावा जागरुकता कैंप भी लगाए जाते हैं कि हमारे समाज में नशा लगातार बढ़ता जा रहा है इसको कम करने के लिए हर किसी को आगे आना होगा, ताकि हम नशे पर रोक लगा सकें और एक स्वस्थ जीवन जी सकें।

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