India News (इंडिया न्यूज़), Dushyant Chautala on Crop Compensation, चंडीगढ़ : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एक फरवरी से फसलों की जनरल गिरदावरी शुरू हो गई है जोकि एक मार्च 2024 तक प्रदेशभर में चलेगी। इस दौरान राज्य में ओले गिरने से फसलों को जो नुकसान हुआ है, उसकी जिला प्रशासन को रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए हुए हैं, साथ ही किसान खुद भी राजस्व विभाग के क्षतिपूर्ति-पोर्टल पर नुकसान की रिपोर्ट अपलोड कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सभी रिपोर्ट मिलने पर किसानों को उनकी क्षति की पूर्ति के लिए मुआवजा दिया जाएगा। डिप्टी सीएम, जिनके पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का प्रभार भी है, रविवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे। डिप्टी सीएम ने कहा कि जब-जब किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदा की मार पड़ी है, प्रदेश सरकार ने प्रभावित किसानों की हरसंभव मदद की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2024 में अभी तक किसानों को करीब 1600 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि किसानों के बैंक खाते में भेजी है, पिछले एक साल से किसानों को मुआवजा डीबीटी के माध्यम से दिया जा रहा है।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार देश में सबसे पहले आधुनिक रिकॉर्ड-रूम तैयार करने में सफल हुई है। उन्होंने बताया कि करीब सवा साल पहले राज्य सरकार ने जिला स्तर पर राजस्व विभाग के डिजिटल रिकॉर्ड रूम बनाने के लिए कार्य शुरू किया था। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि एफसीआर कार्यालय, मंडल स्तरीय तथा उपमंडल कार्यालय के राजस्व रिकॉर्ड को निर्धारित लक्ष्य 31 मार्च तक पूर्ण रूप से डिजिटलाइज कर देंगे तथा कानूनगो और पटवारखाना के रिकॉर्ड को भी इस वर्ष के अंत तक डिजिटलाइज कर दिया जाएगा, इसके बाद लोगों को अपनी जमीन, राजस्व आदि आदि के पुराने दस्तावेजों को खंगालने की बजाए एक क्लिक पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2024 के अंत तक में प्रदेश का राजस्व रिकॉर्ड सौ प्रतिशत डिजिटलाइज हो जायेगा।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने आगे जानकारी दी कि राज्य में कुल 125 गांवों में चकबंदी का कार्य बकाया था, कई बार अधिकारियों की बैठकें करके जिम्मेवारी तय की गई, इससे काम में तेजी आई और आज केवल 54 गांवों में चकबंदी करनी शेष है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य में बढ़ रहे राजस्व पर खुशी जताते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2019 -20 में जहां स्टाम्प ड्यूटी 6200 करोड़ रूपये एकत्रित हुई थी, वहीं नागरिकों को सुविधा दिए जाने से अब तक करीब 10 हजार करोड़ रूपये राजस्व के रूप में सरकार को मिल चुके हैं, जबकि फरवरी और मार्च का माह अभी शेष है जिससे राजस्व में और अधिक बढ़ोतरी होगी।
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