India News Haryana (इंडिया न्यूज), Dussehra 2024 : पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित शालीमार ग्राउंड में इस बार 155 फीट का इको फ्रेंडली रावण का पुतला बनाया गया है। इससे पहले भी अम्बाला के बराड़ा के रहने वाले तेजेंद्र चौहान के द्वारा 210 फीट का सबसे बड़ा रावण का पुतला इसी मैदान पर बनाया गया था और इस बार भी इको फ्रेंडली रावण विजयदशमी पर्व के लिए बनकर तैयार हो चुका है। बता दें कि यहां विश्व के सबसे बड़े पुतले का दहन किया जाता है।
जानकारी के अनुसार यह रावण करीब 181 फीट का बनाया गया था, लेकिन मौसम की खराबी के चलते यह रावण नीचे जा गिरा और दोबारा से इसका निर्माण किया गया और अब इसकी ऊंचाई घटकर 155 फिट रह गई है यहां पर 12 अक्टूबर को विजयदशमी का पर्व मनाया जाना है और हजारों की संख्या में लोग इस 155 फीट के रावण को देखने के लिए पहुंचेंगे, लेकिन दशहरे से पहले ही शालीमार ग्राउंड में 155 फीट के रावण को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं स्कूली बच्चे भी इस रावण को देखने के लिए पहुंच रहे हैं।
मालूम रहे कि इसी ग्राउंड पर कुछ साल पहले 210 फीट का रावण बनाया गया था और वह विश्व का सबसे बड़ा रावण था और इस बार भी रावण का पुतला बनाया गया है लेकिन उसकी ऊंचाई अब 155 फुट है। अंबाला के बराड़ा में रहने वाले तेजेंद्र चौहान के द्वारा अपने कारीगरों के साथ मिलकर कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार किया गया है और इस रावण को बनाने में लाखों रुपए भी खर्च किए गए हैं।
आने वाली 12 अक्टूबर को यहां पर विजयदशमी का मेला आयोजित किया जाएगा और इस इको फ्रेंडली रावणको जलाया जाएगा। लोगों को विजयदशमी के पर्व का बेसब्री से इंतजार है क्योंकि अभी से लोगों के लिए यह रावण का पुतला आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और लोग अपनी सेल्फियां और फोटो लेते हुए नजर आ रहे हैं।
25 कारीगरों ने तैयार किया पुतला
बता दें कि इस रावण को बनाने में 25 कारीगर बीते 3 महीने से लगे हुए थे। रावण के इस पुतले को बनाने में करीब 25 क्विंटल लोहा, 500 बांस के टुकड़े, 3000 मीटर लंबा मैट, 3500 मीटर कपड़ा और 1 क्विंटल फाइबर लगा है। इसके अंदर इको फ्रेंडली पटाखे लगाए हैं, जो तमिलनाडु से मंगवाए गए हैं। रिमोट के जरिये ही इस रावण का दहन किया जाएगा। बराडा गांव से तेजिंदर सिंह राणा बीते 35 वर्षों से रावण का पुतला बना रहे हैं।