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ऐलनाबाद उपचुनाव 2021:प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले अशोक तंवर और अभय चौटाला.. जानिए

• LAST UPDATED : October 27, 2021

सिरसा

ऐलनाबाद उपचुनाव 2021 :

अपना भारत मोर्चा के अध्यक्ष पूर्व सांसद अशोक तंवर ने इनेलो उम्मीदवार अभय सिंह चौटाला को अपना समर्थन दिया है। तंवर ने बुधवार को अपने निवास पर इस बात की घोषणा की।
तंवर ने कहा कि अभय चौटाला ने किसानों की अपील पर अपने पद से इस्तीफा दिया है। ऐसे उदाहरण बहुत कम दिखाई देते हैं। यदि अभय सिंह चौटाला किसानों की अपील को नजरअंदाज करते तो लोगों का जनप्रतिनिधियों और लोकतंत्र से विश्वास उठ जाता। अभय चौटाला ने किसानों के मुद्दे पर ही इस्तीफा दिया है। इसलिए मैं अपना समर्थन अभय चौटाला को देता हूं।
तंवर ने कहा कि एेलनाबाद में कश्मीर जैसे हालात हो रहे है। भाजपा ने ऐलनाबाद को कश्मीर बना दिया है। भाजपा उम्मीदवार कड़ी सुरक्षा में चल रहा है। पता ही नहीं चलता कि वह किस बस में बैठा है। उसके काफिले से पहले पुलिस तैनात रहती है और अर्धसैनिक बलों से भरी एक बस साथ चलती है। इसलिए ऐलनाबाद में कश्मीर जैसे हालात बन गए हैं।
वहीं अभय चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री ऐलनाबाद में कई घोषणाएं कर चुके हैं। लेकिन वह केवल घोषणा ही करते हैं, उसे पूरा नहीं करते। सरकार ने बरोदा उपचुनाव में भी ऐसी ही घोषणा की थी। लेकिन वह पूरी नहीं की। बरोदा में कॉलेज बनाने की बात कही गई थी। बरोदा विधायक पिछले दो सत्रों में सदन में मुख्यमंत्री से उन घोषणा को पूरी करने की बात कह चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
ऐलनाबाद में सेम की समस्या कांग्रेस सरकार की देन है। भाजपा ने भी कभी कोई विकास नहीं करवाया। वे तो अपने बलबूते पर सरकार पर दबाव डालकर विकास कार्य करवाते हैं। बता दें कि चौटाला एक सप्ताह में दूसरी बार अशोक तंवर के आवास पर पहुंचे थे। कुछ देर बाद प्रेसवार्ता के लिए मीडिया को निमंत्रण दिया गया तो साफ हो गया कि वे इस बार इनेलो की तरफ हैं।

क्षेत्र में अशोक तंवर का अच्छा प्रभाव

डॉ. अशोक तंवर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही सिरसा से सांसद भी बने थे। कांग्रेस में अनदेखी के चलते उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। असल में उनकी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पटरी नहीं बैठ रही थी। उनके कांग्रेस से जाने के बाद ही कुमारी सैलजा को कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी मिली। अशोक तंवर का सिरसा में अच्छा प्रभाव माना जाता है। पूरे प्रदेश में वे अपना भारत मोर्चा को खड़ा कर चुके हैं। चूंकि वे यहां से सांसद रहे हैं और उनका खुद का अपना वोट बैंक है, इसके चलते ऐलनाबाद उपचुनाव की घोषणा के साथ ही उनका समर्थन पाने के लिए प्रत्याशियों में कवायद चल रही थी।

दुष्यंत चौटाला का साथ छोड़ा

इनेलो से अलग होने के बाद दुष्यंत चौटाला ने 2019 का विधानसभा चुनाव अपनी नई पार्टी जजपा का गठन करके लड़ा था। चुनाव में पूर्व सांसद तंवर ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी का समर्थन करते हुए पूरे प्रदेश में मंच साझा करके जजपा को चुनाव जिताने पर जोर लगाया था। अब दो साल बाद हो रहे उपचुनाव में डॉ. तंवर ने डिप्टी सीएम का साथ छोड़ दिया है। जजपा-भाजपा ने यहां से गोविंद कांडा को प्रत्याशी बनाया है। दुष्यंत ने मंगलवार को कुछ क्षेत्रों में प्रचार करके कांडा के लिए वोट की अपील की थी। लेकिन जमाल गांव में उनकी सभा के दौरान हंगामा हुआ और देर रात तक नौबत किसानों के पुलिस थाना घेरने तक आ गई।
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