India News (इंडिया न्यूज), INLD Parivartan Yatra, चंडीगढ़ : फरवरी के अंतिम सप्ताह से परिवर्तन पदयात्रा पर निकले इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला अपने पैर के नाखून का ऑप्रेशन होने के बावजूद दर्द की परवाह किए बगैर फिर से जनता के बीच जा रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो यात्रा ने हरियाणा की सियासत में गर्माहट पैदा कर दी है। सभी दलों की इस यात्रा पर नजरें टिकी हुई हैं।
विशेष पहलू यह है कि 24 फरवरी को अपनी यह यात्रा शुरू करने के बाद अभय सिंह के पैरों पर 750 किलोमीटर से अधिक पैदल चलने कारण छाले भी पड़ गए हैं। इसके बाद उनके नाखून का ऑप्रेशन किया गया और चिकित्सकों की आराम करने की सलाह माने बिना वे फिर से लोगों के बीच आ गए। इस दौरान तापमान लगभग 40 डिग्री है और दिन के समय अधिक गर्मी पड़ रही है। अपनी तबीयत नासाज होने के बावजूद अभय सिंह चौटाला अब फिर से हर रोज 10 से 12 गांवों में दस्तक देते हुए 20 से 22 किलोमीटर पैदल चलकर लोगों का दुख-दर्द बांट रहे हैं।
गौरतलब है कि साल 1986 में चौ. देवीलाल ने भी प्रदेशभर में न्याय युद्ध चलाया था और करीब 19 दिनों की यात्रा के बाद चौ. देवीलाल दिल्ली स्थित बोट क्लब पर पहुंचे थे। उस समय 72 साल के चौ. देवीलाल ने जब बोट क्लब में अपनी जुराबें उतारी तो पूरी जुराबें खून से लथपथ थी और जुराबें उतारने के बाद एक खून की धार फूट पड़ी। ठीक इसी तरह से यात्रा के दौरान लगातार सैकड़ों किलोमीटर चलने के बाद 37 साल बाद चौ. देवीलाल के पौत्र अभय सिंह चौटाला के पैरों से भी उसी तरह खून बहा है और वैसा ही दर्द सहा है।
सियासी पर्यवेक्षकों का मानना है कि अपने दर्द की परवाह किए बिना जिस तरह से जनता के दर्द के लिए अभय सिंह चौटाला फिर से यात्रा में शामिल हुए हैं, उससे इनेलो कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह बढ़ा है। अब यात्रा में लगातार भीड़ बढ़ रही है। विशेष बात यह है कि कर्ण चौटाला और अर्जुन चौटाला अपने पिता के सारथी बने हुए हैं। इसके अलावा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी, महिला विंग की प्रधान महासचिव सुनैना चौटाला भी लगातार यात्रा में कदमताल करते हुए नजर आ रही हैं और अभय सिंह चौटाला के पैर के ऑप्रेशन के दौरान इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने भी 88 साल की उम्र में इस यात्रा में शामिल होकर पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया।
उल्लेखनीय है कि चौ. अभय सिंह चौटाला ने 24 फरवरी को मेवात के ऐतिहासिक गांव सिंगार से अपनी यात्रा की शुरूआत की थी। अब तक वे यात्रा के दौरान 1100 किलोमीटर से अधिक पैदल चलते हुए 52 दिनों में करीब 500 गांवों में दस्तक दे चुके हैं। कुल मिलाकर वे 25 सितंबर तक सात महीनों में 2 हजार गांवों में जाएंगे और 4200 किलोमीटर पैदल चलेंगेे।
आज से 37 साल पहले ताऊ देवीलाल ने भी प्रदेशभर में न्याय युद्ध चलाया था। इस दौरान चौधरी देवीलाल पूरे प्रदेश के कोने-कोने में गए थे। इससे पहले 1985 में ताऊ ने राजीव-लौंगोवाल समझौते के विरोध में महम सीट से इस्तीफा दिया था। उसी राह पर आज उनके पौते अभय सिंह चौटाला चल रहे हैं। अभय सिंह चौटाला ने भी किसानी के मुद्दे पर 27 जनवरी 2021 को ऐलनाबाद सीट से त्यागपत्र दिया और फिर अक्तूबर 2021 में ऐलनाबाद से उपचुनाव जीतकर विधायक चुने गए। चौधरी देवीलाल ने न्याय युद्ध की कड़ी में 23 मार्च 1986 को जींद में एक ऐतिहासिक सम्मेलन किया। इस ऐतिहासिक रैली के बाद हरियाणा की सियासी फिजा बदल गई। 1987 के चुनाव में देवीलाल के नेतृत्व में 85 सीटों के साथ लोकदल की सरकार बनी थी और कांग्रेस 5 सीटों पर सिमट गई थी।
वहीं इस यात्रा के दौरान अभय सिंह चौटाला बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दों को लेकर भाजपा व जजपा गठबंधन सरकार लगातार हमले बोल रहे हैं। अभय सिंह चौटाला का कहना है कि मुख्यमंत्री रहते हुए ओमप्रकाश चौटाला सप्ताह में दो दिन सरकार आपके द्वार कार्यक्रम करते थे और उसी दौरान आवाम की सभी समस्याओं का मौके पर निदान करते थे और इनेलो की सरकार आने पर मुख्यमंत्री आपके द्वार की परंपरा को फिर से जारी रखा जाएगा।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में इस समय 22 लाख 64 हजार किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बने हुए हैं, जिस पर करीब 48049 करोड़ रुपए का कर्ज है। बेमौसमी बरसात से किसानों की नष्ट हुई फसलों को लेकर 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की जा रही है लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही। इसके साथ ही वे सरकार की परिवार पहचान पत्र योजना पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं।
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