India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Rain : हरियाणा में बीते दो दिनों से बारिश हो रही है। इस बारिश से बेशक ठंड में बढ़ौतरी हुई है और आमजन का जीवन अस्त व्यस्त हुआ हो लेकिन यह बारिश किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं, क्योंकि पूरा प्रदेश इस समय पानी की कमी से जूझ रहा है।
सिरसा : वहीं प्रदेश के जिला सिरसा में भी बारिश वरदान बनी। बारिश से गेहूं, सरसों, चना और सब्जियों को फायदा मिलेगा। पिछले दो दिनों से सिरसा में मूसलाधार बारिश हो रही है। दिसंबर महीने में सुखी ठंड पड़ने से फसलों को नुकसान हो रहा था लेकिन अब बूंदाबांदी से राहत मिली है। इंडिया न्यूज़ हरियाणा संवाददाता ने सिरसा में मौसम की स्थिति का जायजा लिया। अगले कुछ दिनों तक सिरसा में बारिश की संभावना लगातार बनी हुई है।
भिवानी में जिलेभर में औसतन 16 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई। जिलेभर के करीब 15 से अधिक गांवों में ओलावृष्टि हुई। शहर की सड़कों पर भी बारिश से जलभराव हुआ। निचले इलाकों में बारिश के पानी की निकासी नहीं होने से लोगों को भी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश से खासकर गेहूं और सरसों की फसल में फायदा मिलेगा। लेकिन जिन गांवों में इस समय ओलावृष्टि सूचना है, वहां मौसम साफ होने पर ही नुकसान का पता चलेगा।
अंबाला में पिछले दो दिनों से लगातार बरसात हो रही है, जिस कारण जहां एक ओर जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया हैं, वहीं कुछ फसलों के लिए भी ये बरसात नुकसानदायक साबित हो रही हैं, लेकिन कुछ फसलों के लिए ये बरसात काफी फायदेमंद साबित हो रही है। किसानों की अगर माने तो ये बरसात ज्यादातर उनके लिए फायदा ही दे रही हैं लेकिन अगर ये बरसात ज्यादा हो गई तो उनका काफी नुकसान हो सकता हैं क्योंकि वे पहले ही खेतों में पानी दे चुके हैं।
जींद : उधर, जींद की बात करें तो पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान औसतन 22.28 एमएम बारिश हुई है, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं और अब उनकी फसल में सिंचाई को लेकर पानी व्यवस्था की चिंता दूर हुई है। वहीं वर्षा होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में काफी सुधार हुआ है। एक्यूआई 400 के पार पहुंच रहा था जिसके चलते आमजन को परेशानी हो रही थी। शुक्रवार को हुई बारिश ने प्रदूषण की समस्या को दूर किया है।
आसमान में जमा प्रदूषण के कण धुल गए हैं। पेड़ों के पत्तों पर जमा धूल भी हट गई है। पत्तों पर धूल जमने की वजह से पेड़-पौधे पूरी क्षमता से कार्बन डाइआक्साइड लेकर आक्सीजन नहीं छोड़ पाते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की साइट पर पिछले नौ दिन से एक्यूआइ का डाटा उपलब्ध नही है। हालांकि वर्षा के बाद वातावरण में फर्क साफ नजर आ रहा है। जिले में सबसे ज्यादा 39 एमएम बारिश जुलाना ब्लॉक में दर्ज की गई है।