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Factionalism of Haryana Congress : करनाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हाथापाई

• LAST UPDATED : September 6, 2023
  • कांग्रेस नेता, पूर्व विधायक, कार्यकर्ता आपस में भिड़े

India News, इंडिया न्यूज़, Factionalism of Haryana Congress, चंडीगढ़ : कांग्रेस पार्टी के नेता एक तरफ जहां आपसी गुटबाजी से इनकार करते नजर आते हैं, वहीं दूसरी तरफ मंगलवार को करनाल के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में कांग्रेस की आपसी गुटबाजी खुलकर सामने आई है, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने न केवल एक-दूसरे पर हाथ उठाया, बल्कि एक-दूसरे को नकली कार्यकर्ता भी कहकर अपना रोष जाहिर किया।
कांग्रेस पार्टी ने पूरे देश में लंबे समय तक एक छत्र राज किया, लेकिन अब काफी समय से कांग्रेस पार्टी न केवल देश में बल्कि प्रदेश में भी सत्ता से बाहर है, जिसकी बौखलाहट अब कार्यकर्ताओं के चेहरों पर साफ दिखाई देने लगी है। हरियाणा में भी कांग्रेस का अलग ही कद है, लेकिन गुटबाजी एक ऐसी चीज है जो इस पार्टी से कभी खत्म होती हुई नजर नहीं आ रही।

कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं की गुटबाजी बंद कमरे तक सीमित नहीं

जी हां, अब कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं की गुटबाजी बंद कमरे तक सीमित नहीं है। अब कांग्रेस की आपसी गुटबाजी खुले में नजर आने लगी है। खुले में एक दूसरे के साथ लड़ाई झगड़ा करते हैं, करनाल में पीडब्ल्यूडी रेस्ट में कांग्रेस एआईसीसी की तरफ से नियुक्त ओब्जर्वर योगराज, कांग्रेस के पूर्व विधायक जरनैल सिंह यहां पहुंचे, लेकिन जब वो आये तब से ही उनके गो बैक के नारे लगने शुरू हो गए।

कई नेताओं का कहना था ये भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकी हैं, इसलिए ये हमारी बात नहीं सुनेंगे और वहां पर बापू बेटा की नहीं चलेगी के भी नारे लगे, यानी बात साफ थी एक गुट किरण चौधरी, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला का और एक गुट भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा का था। आपस में नेता अपने-अपने नेता के जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे और इसी बीच नेता आपस में भिड़ गए। इसके बाद जमकर लात-घुसे भी चलने लगे और कांग्रेस की मीटिंग पूरी होने से पहले गुटाबजी की बड़ी तस्वीर नजर आई।

कांग्रेस की गुटबाजी पर भाजपा का तंज

कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी देखकर भाजपा के नेता भी उन पर तंज कसने पर पीछे नहीं रहे तथा इस पूरे प्रकरण पर भाजपा नेताओं ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का चेहरा अब सबके सामने नजर आ गया है तथा भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को जनता से कोई सरोकार नहीं है यह पार्टी केवल सत्ता की भूखी है। काफी समय तक चले बवाल के बाद फिलहाल अब जाकर शांति तो हुई है लेकिन ये माहौल बताता है कि सब एक नहीं है, चौधर की लड़ाई है और इस लड़ाई में कौन जीतेगा ये वक्त बताएगा पर ऐसा चेहरा पहले भी कांग्रेस में देखने को मिला है।

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