India News Haryana (इंडिया न्यूज), Fake Call Center : पानीपत पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए पानीपत पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर सरगना व 10 युवतियों सहित 28 आरोपी गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी जीटी रोड स्थित एसडी कॉलेज के पास तनेज टावर में किराये पर ऑफिस लेकर फर्जी कॉल सेंटर चला रहें थे। पकड़े गए आरोपी पानीपत, कालका, राजस्थान व जम्मू कश्मीर के रहने वाले है।
गिरोह के सरगना आरोपी सेक्टर 18 निवासी विजय व उग्राखेड़ी निवासी योगेश ने 10 युवती व 16 युवकों को 25 से 30 हजार रूपये सैलरी पर रखा था। आरोपी हवाई जहाज की टिकट, कैब, होटल बुक करने व क्विक बुक नाम से सॉफ्टवेयर सर्विस देने व उक्त बुकिंग एक्सपिडिया से केंसिल करवा राशि रिफंड करने के नाम पर विदेशी नागरिकों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने मौके से 42 लैपटॉप व 19 हेडफोन बरामद किये है।
उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री सतीश वत्स ने मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित पुलिस विभाग के सभागार में प्रेसवार्ता कर प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम को सोमवार देर शाम गुप्त सूचना मिली थी कि एसडी कॉलेज के साथ वाली बिल्डिंग तनेजा टावर में द्वितीय तल पर दो युवक फर्जी कॉल सेंटर चला रहे है। आरोपी हवाई जहाज की टिकट, कैब, होटल बुक करने नाम पर विदेशी नागरिकों से ठगी की वारदातों को अंजाम देते है। इसके लिए ऑफिस में काफी युवती व युवकों को काम पर रखा है।
पुलिस टीम ने सूचना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाकर टीम में महिला पुलिसकर्मियों को शामिल कर व सीआईए टू टीम को साथ लेकर मौके पर दबिश देकर गिरोह के सरगना सेक्टर 18 निवासी आरोपी विजय व उग्राखेड़ी निवासी योगेश व 10 युवतियों व 16 युवकों को काबू किया। पुलिस टीम ने कॉल सेंटर का लाइसेंस दिखाने के लिए कहा तो आरोपी कोई भी कागजात पेश नहीं कर सके।
उप पुलिस अधीक्षक सतीश वत्स ने बताया आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ आरोपियों ने ट्रेवल्स मांक व यूएस फ्लाइट सर्विस की साइट के टोल फ्री नंबर पर डायवर्जन लगवा रखा था। उक्त साइट अमेरिका गए इनके एक दोस्त के नाम पर रजिस्टर्ड है। उक्त दोनों कंपनी के टोल फ्री नंबर पर आने वाले फोन कॉल आरोपियों के पास आते थे।
आरोपी बात कर उनके क्रेडिट कार्ड की सारी जानकारी लेकर 200 से 300 डॉलर ट्रांसफर कर लेते थे। आरोपियों ने ऑफिस में काम पर रखी युवतियों व युवकों को इसके लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी थी। उक्त सभी युवतियां फोन पर अपना सही नाम न बताकर विदेशी नाम बताती थी। ताकि उनपर किसी प्रकार का शक न हो। सभी आरोपी अंग्रेजी बोलने में एक्सपर्ट है। आरोपी करीब एक साल से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। आरोपियों ने बीबीए, एमबीए, बीटेक व 12वी कक्षा तक पढ़ाई की हुई है।
उप पुलिस अधीक्षक सतीश वत्स ने बताया कि पुलिस ने थाना साइबर क्राइम में अभियोग दर्ज कर मंगलवार को सभी आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश किया जहां से आरोपी विजय व योगेश से गहनता से पूछताछ करने के लिए दोनों आरोपियों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया और अन्य सभी आरोपियों की बेल हो गई।
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