India News Haryana (इंडिया न्यूज), Faridabad Ancient Remains : जिले के गांव कोट के पास स्थित अरावली की पहाड़ियों में पाषाण युग के अवशेष मिलने के प्रमाण मिले हैं। यहां की मिट्टी और पत्थरों में आदिमानवों द्वारा उपयोग किए गए हथियार और औजार दबे मिले हैं व अभी और भी दबे हुए हैं। पुरातत्वविदों के अनुसार यह क्षेत्र भारतीय इतिहास के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण केंद्र साबित हो सकता है।
पुरातत्व विशेषज्ञ तेजवीर ने बताया कि पहाड़ियों में “कौर” नामक स्थल पाए गए हैं। कौर उन स्थानों को कहते हैं, जहां आदिमानवों ने पत्थरों से औजार बनाने का काम किया था। इन औजारों में हैंड एक्स, क्लेवस, स्क्रैपर, चॉपर और हैमर जैसे उपकरण शामिल हैं, जिन्हें शिकार, खनन और दैनिक जीवन की अन्य गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता था। तेजवीर ने यह भी बताया, “ये औजार पलियोलिथिक काल के हैं और लाखों वर्ष पुराने हो सकते हैं। यह क्षेत्र प्राचीन मानव जीवन की महत्वपूर्ण झलक प्रदान करता है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) यदि व्यवस्थित तरीके से यहां खुदाई करता है तो पाषाण युग के कई अवशेष और कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ सकती हैं। यह क्षेत्र आदिमानवों की जीवनशैली, उनके उपकरणों और सामाजिक संरचना को समझने के लिए एक अमूल्य संसाधन साबित हो सकता है।
अरावली की पहाड़ियां भारतीय सभ्यता के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। कोट गांव में मिले ये अवशेष न केवल क्षेत्रीय महत्व रखते हैं, बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के प्राचीन इतिहास को नई दिशा देने की भी क्षमता रखते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इस क्षेत्र में वैज्ञानिक और व्यवस्थित अनुसंधान होता है तो यह स्थान पाषाण काल के विकास और आदिमानवों की जीवनशैली को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।
इस ऐतिहासिक खोज को संरक्षित करने और इसके महत्व को समझने के लिए पुरातत्व विभाग और सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है। अनुसंधान और संरक्षण के लिए उचित कदम उठाने से यह स्थान भारतीय इतिहास में अमूल्य धरोहर के रूप में स्थापित हो सकता है।