India News Haryana (इंडिया न्यूज), Irrigation Department : पिछले मानसून में बाढ़ की वजह से किसानों की लाखों एकड़ फसल तबाह हो गई थी। यमुना नदी से लगते हुए क्षेत्र में यमुना नदी से आई बाढ़ के चलते ज्यादा नुकसान हुआ था। इस बार सरकार और प्रशासन बाढ़ को लेकर पुख्ता प्रबंध और तैयारी करने में जुटा हुआ है लेकिन उनके इस प्रबंधों से किसान खुश नहीं है। मानसून सीजन में यमुना क्षेत्र के किसान अभी से चिंतित होने लगे हैं यमुना नदी में बाढ़ बचाव के कार्य अभी तक शुरू नहीं किए गए हैं।
बड़ा सवाल महज आठ दिनों में कैसे होंगे तीस करोड़ लागत के काम। नदी में स्टड और तटबंध का काम नही होने से किसान मायूस दिखाई दे रहे हैं किसानों को बीते साल की तरह बड़े नुकसान की आशंका है। बाढ़ बचाव को लेकर किए गए सिंचाई विभाग के दावे हवा हवाई दिखाई दे रहे है। करनाल जिले में करीब तीस करोड़ की लागत से यमुना नदी में 23 स्टड के निर्माण और मुरम्मत का काम होना था। विभाग ने दावा किया था कि बाढ़ बचाव के सभी कार्य 30 जून से पहले पूरे कर दिए जाएंगे लेकिन अभी तक ये काम शुरू भी नहीं हुए है।
यमुना क्षेत्र के किसानों को डर है कि बीते साल की तरह इस वर्ष भी यमुना नदी में बाढ़ आने पर उनकी फसले तबाह हो जायेगी। किसानों ने बताया कि अभी तक सिर्फ नदी पर पत्थर आया है, लेकिन स्टड बनाने का काम शुरू भी नहीं हुआ। आठ दिनों में ये काम पूरा होना संभव नहीं है। किसानों का आरोप है कि तटबंध मजबूत करने के काम में जानबूझकर देरी की जाती है। जब नदी में पानी आएगा उस समय ठेकेदार आनन फानन में नदी के अंदर पत्थर फेंक देंगे। किसानों ने बाढ़ बचाव के कार्य को लेकर विभाग पर सवाल उठाए है। उन्होंने जिला प्रशासन से यमुना नदी पर बाढ़ से निपटने के लिए प्रबंध को जल्दी दुरुस्त करने की मांग उठाई है।
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