इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़
Farmers Facing Urea Shortage पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है की डीएपी के बाद अब किसानों को यूरिया के लिए भारी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। प्रदेशभर में किसानों को यूरिया के लिए लंबी-लंबी कतारों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। हुड्डा ने कहा कि फसलों की बुवाई के वक्त भी सरकार ने किसानों को डीएपी के लिए खूब तड़पाया था। अब एक बार फिर यूरिया के लिए किसानों को कतारों में खड़ा कर दिया गया है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार के दौरान लगातार पुलिस सुरक्षा में खाद बांटनी पड़ रही है। (Farmers Facing Urea Shortage) बच्चों और महिलाओं को भी थाने के बाहर कतारों में खड़ा होना पड़ता है।
किसानों की जरुरत, मांग और वक्त की जानकारी होते हुए भी सरकार जानबूझकर खाद की किल्लत पैदा कर रही है। इसकी वजह से कालाबाजारी को बढ़ावा मिलता है और किसानों को महंगे रेट पर खाद खरीदनी पड़ती है। पहले ही पेट्रोल, डीजल, दवाई, बीज, खेती उपकरणों समेत अलग-अलग तरह की महंगाई से जूझ रहे किसानों की लागत इसके चलते और अधिक बढ़ जाती है।
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पिछले 4-5 दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते सरसों, गोभी, आलू और अन्य सब्जियों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। ज्यादा बारिश की वजह से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। इसलिए सरकार को फौरन गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए। पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में भी बारिश की वजह से 5.50 लाख एकड़ से ज्यादा भूमि पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई थी। एक लाख से ज्यादा किसानों ने नुकसान के मुआवजे को लेकर सरकार के सामने अर्जी लगाकर गुहार लगाई थी। लेकिन अब तक भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। इसलिए सरकार को इस बार के खराबे और पिछली बार के नुकसान की भरपाई जल्द करनी चाहिए।(Farmers Facing Urea Shortage)
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