भिवानी/
Farmers Protest :पॉवर ग्रिड टॉवर लगाने के मामले में प्रशासन और किसानों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है, किसान लगातार 30 दिनों से धरने पर हैं, किसानों का कहना है कि टॉवर लगाने के लिए अबतक प्रशासन की तरफ से कोई मुआवजा नहीं दिया गया है, और प्रशासन जबरदस्ती टॉवर खड़ा करना चाहता है, मामला गांव निमड़ीवाली का है जहां किसान विभिन्न तरीकों से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान हरियाणा बिजली वितरण निगम के पॉवर ग्रिड के टॉवर लगाने के ऐवज में मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं, इसी के तहत गांव निमड़ीवाली के किसान धरने पर हैं ,बता दें कि खेतों में बिना किसी मुआवजा राशि के लगाए जा रहे पॉवर ग्रिड के टॉवर के विरोध में गांव के किसान लगैतैर 30वें दिन भी धरने पर रहे, इस दौरान किसानों ने कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बीते शनिवार को धरनारत्त किसानों में से एक किसान की हालत बिगड़ गई, यहां किसानों ने अनूठे तरीके से रोष जताया है, दरअसल किसान पॉवर ग्रिड के लिए अधिकृत की गई जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर लगातार रोज प्रदर्शन कर रहे हैं, इस दौरान किसानों ने अनूठी तरह से विरोध जताया है, बता दें कि जबरन लगाए जा रहे टॉवर के विरोध में गांव निमड़ीवाली के किसान पिछले एक माहीने से विभिन्न तरीकों से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
किसानों ने पंचकूला बोर्ड मुख्यालय का घेराव किया तो कभी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत कराया लेकिन प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंगी, इसके साथ ही कभी महिलाएं तो कभी अलग-अलग समाज के लोग धरने की कमान संभालते हैं, इन सबसे हटकर शनिवार को गांव निमड़ीवाली के किसानों ने शीर्षासन कर टॉवरों के विरोध में कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों का विरोध जताया।
इस दौरान धरने पर किसानो ने करीब दो घंटे तक शीर्षासन कर कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों का विरोध जताया, साथ ही किसानों ने चेतावनी भी दी है कि यदि किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो उनका आंदोलन जारी रहेगा।
धरनारत किसानों का कहना है कि आज किसान शीर्षासन कर रहे हैं, किसान के पैर ऊपर हैं और सिर नीचे है, अगर प्रशासन और कंपनी के अधिकारी उनकी मांग नहीं मानते हैं, तो आने वाले समय में किसान प्रशासन और कंपनी के अधिकारियों का शीर्ष आसन करा कर ही मानेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा, कि सरकार जनता और किसानों की अनदेखी कर औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचा रही है, उन्होंने कहा कि आंदोलन कितने भी दिन चले, वे कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों के आगे नहीं झुकेंगे, उन्होंने मांग की है कि किसानों को प्रति टॉवर 30 लाख रूपये और जिसके खेत से बिजली की लाईन जा रही है, उसे प्रति एकड़ 25 लाख रूपये मुआवजा या प्रतिमाह का किराया दिया जाए।