India News (इंडिया न्यूज़), Farmers Protest New Update, चंडीगढ़ : 13 फरवरी से अंबाला के शंभू बॉर्डर से किसानों को दिल्ली कूच का सिलसिला अभी थमा नहीं हैं। पंजाब के किसान नेताओं ने खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के हाथों 21 फरवरी को हुई युवा साथी शुभकरण सिंह की मौत के बाद अपनी रणनीति बदल दी है। अब वह दो कदम आगे चार कदम पीछे की स्ट्रेटेजी पर चल रहे हैं। क्योंकि उन्हें नहीं लगता था कि पुलिस ऐसी बर्बतापूर्ण कार्रवाई भी कर सकती है। वहीं हालात को देखते हुए प्रशासन ने एक बार फिर अंबाला के आसपास के इलाकों में 28 से 29 फरवरी तक इंटरनेट बंद कर दिया है।
पंजाब बठिंडा निवासी हरविंद्र सिंह ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम गांवों से अपनी गायों और दूसरे पशुओं को बॉर्डर पर लाएंगे। क्या फिर गौरक्षा का दम भरने वाली हरियाणा की BJP सरकार उन गायों पर भी गोलियां चलाएगी? अगर प्रदेश हरियाणा ने गोलियां चलाई तो मनोहर सरकार की गौवंश पर की जाने वाली राजनीति पूरी तरह से बेनकाब हो जाएगी।
किसानों ने कल जहां मीटिंग की थी वहीं आज वे अपना नया फरमान सुनाने जा रहे हैं। फिलहाल किसानों ने अंबाला के शंभू बॉर्डर पर अपने पक्के मार्चे बना लिए हैं। किसान यहां अबपक्का मोर्चा लगाने का मन बना चुके हैं। इसके लिए लोहे के एंगल से टैंट बनाए जा रहे हैं ताकि आंधी तूफान का उस पर कोई असर न पड़े। इसी कारण अब अंबाला का शंभू बॉर्डर धीरे-धीरे दिल्ली के सिंघु बॉर्डर बनता नजर आ रहा है। अंबाला बॉर्डर पर अभी भी हजारों की संख्या में किसान बैठे हैं।आंदोलन की अगुवाई कर रहे सरवन सिंह पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने बताया कि आज आगे का फैसला लिया जाएगा।
शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पुलिस की रबर बुलेट्स से बचने के लिए मिट्टी के कट्टे लगाकर अपने छोटे-छोटे मोर्चे बना लिए हैं। वहीं अंबाला की ओर सामने हरियाणा की पुलिस और पैरामिलिट्री के जवान कड़े बंदोबस्त के साथ तैयार बैठे हैं। किसी भी कीमत पर वे किसानों को आगे बढ़ने नहीं देंगे।
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