हरियाणा की अनाज मंडियों के बाहर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि वो लंबे समय से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब सरकार रोज नए नए कानून लाकर किसानों को मारने पर तुली हुई है। अब सरकार ने सरकारी खरीद में गेहूं में नमी 14% से घटाकर 12% तक कर दिया है, जबकि किसानों की मांग 15% करने की थी।
यमुनानगर अनाज मंडी के सामने किसानों ने धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. किसानों का कहना है कि जहां पहले गेहूं का दाना टूटने पर 4% तक लिया जाता था उसे भी घटाकर 2% कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा खरीद को लेकर पोर्टल चलाया जा रहा है. जिस पर फसल का ब्यौरा दर्ज करने के लिए कहा गया है. किसान नेता संजू गुंदियाना ने कहा कि जब किसानों को कहीं भी फसल बेचने पर आजादी है तो उसे पोर्टल पर किस मंडी में गेहूं बेचने है के लिए क्यों पूछा जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब एक किसान ने आरटीआई लगाई जिसमें पूछा कि ये पोर्टल किस कानून के तहत चलाया जा रहा है और कब चलाया जाता है. तो जवाब आया कि किसी कानून के तहत नहीं और जब सरकार कहती है उसे चलाया जाता है और सरकार कहती है उसे बंद कर दिया जाता है।
चरखी दादरी में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अनाज मंडी के बाहर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में इलाके की खाप, कर्मचारी संगठन, सामाजिक संगठन, कारोबारी संगठन शामिल हुए. तमाम संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया. चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले काफी समय से धरने और प्रदर्शन चल रहे हैं. सरकार को अब चेत जाना चाहिए और इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर देना चाहिए. विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि ये प्रदर्शन व्यापारी और मंडीयों को बचाने के लिए यह प्रदर्शन किया गया है.
उकलाना क्षेत्र के किसानों ने भी उकलाना नई अनाज मंडी के सामने रोष प्रकट किया. सतीश बिठमड़ा, अजित लितानी, नरेंद्र हसनगढ़, नरेश सुरेवाला समेत तमाम किसानों ने कहा कि किसान सयुंक्त मोर्चा के कार्यक्रम के मुताबिक 19 मार्च को मंडियों के बाहर प्रदर्शन, 23 मार्च को शहीदी दिवस, 26 मार्च को भारत बंद और 28 मार्च को होलिका दहन में कानूनों की प्रति जलाना है. किसान नई अनाज मंडी में पहुंचे और अपना रोष प्रकट करते हुए तहसीलदार को भारत सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा
गोहाना की अनाज मंडी में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर तीनों कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया गया. आढ़तियों, मजदूरों, किसानों ने मंडी के बाहर जुटकर खेती और मंडियों को बचाने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बीकेयू के प्रदेश उपाअध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा आज सरकार के हठधर्मिता के कारण किसान प्रदर्शन को मजबूर है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में किसान आंदोलन को तेज किया जाएगा
मंडी बचाओ-खेती बचाओ अभियान के तहत कैथल की अनाज मंडी में आढ़ती, किसान और मजदूरों ने प्रदर्शन किया। किसानों-आढ़तियों ने कहा कि जब मंडियां ही नहीं रहेगी तो फिर किसान और आढ़ती भी खत्म हो जाएंगे। प्राइवेट मंडियां अपने मन मर्जी के दाम देंगी। इसलिए किसान, मजदूर और आढ़ती तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, ताकि फसल और नस्ल की इस लड़ाई में मंडी व्यवस्था को खत्म होने से बचाया जा सके। किसानों ने मार्केट कमेटी सेक्रेटरी को ज्ञापन भी सौंपा।
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