India News (इंडिया न्यूज़), CM on Replanting Paddy, चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से फसल का पूरी तरह नुकसान होने पर प्रति एकड़ 15 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही धान की दोबारा रोपाई करने वाले किसानों की फसल का अधिकारियों की टीमों द्वारा सर्वे और वैरिफिकेशन का कार्य तुरंत प्रभाव से शुरू कर दिया जाएगा और 31 जुलाई के आसपास इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद धान की दोबारा रोपाई करने वाले किसानों को भी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।
मनोहर लाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र के गांव भिवानी खेड़ा में 10 एकड़ भूमि पर जल्द ही वीएलडी कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए ग्राम पंचायत की तरफ से पहले ही 10 एकड़ भूमि लाला लाजपतराय वेटनरी विश्वविद्यालय हिसार के नाम कर दी है। बता दें कि मुख्यमंत्री मंगलवार देर सायं गांव भिवानी खेड़ा में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के उपरांत सेक्टर-7 कृषि विभाग के सभागार में अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बाढ़ के पानी से 12 जिले प्रभावित हुए है। इनमें 6 जिले यमुना के साथ लगते हैं और 6 जिले घग्गर के साथ लगते हैं। इन सभी जिलों से लगातार रिपोर्ट ली गई है। अभी भी बरसात आने की संभावना नजर आ रही है, 15 अगस्त तक बरसात के आने की संभावना है, लेकिन इस बरसात का थोड़ा बहुत ही प्रभाव रह सकता है। प्रदेशवासियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। इन 12 जिलों में सरकार और प्रशासन ने लोगों को हरसंभव राहत पहुंचाने का काम किया है। इस कार्य में समाजसेवी और धार्मिक संस्थाओं ने भी काफी सहयोग किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़ के पानी से प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तरह खराब हो चुकी फसल का पंजीकरण करवाया जा रहा है और पूरी तरह फसल खराब होने पर सरकार की तरफ से 15 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा भी दिया जाएगा। जिन किसानों की खेतों से पानी उतर चुका है, उनके नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में भिवानी खेड़ा गांव में जायजा लेने के उपरांत यह विषय भी सामने आया कि कुछ किसान अब दोबारा धान की रोपाई कर रहे हैं। इस विषय को जहन में रखते हुए अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि दोबारा रोपाई करने वाले किसानों की फसलों का तुरंत सर्वे किया जाए और वैरिफिकेशन की जाए।
इसके साथ ही मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर प्रावधान किया जाएगा। इस पोर्टल पर दोबारा फसल की रोपाई करने वाले भी अपना पंजीकरण करवा सकेंगे। इसके बाद सही आंकड़े मिलने के बाद फसलों के नुकसान का पूरा डाटा सामने आएगा, क्योंकि दोबारा रोपाई करने वाले किसान का बीज, खाद और रोपाई पर खर्चा जरूर आया होगा। इसलिए इन किसानों को भी मुआवजे के रूप में कुछ न कुछ राशि जरुर दी जाएगी। इस कार्य को 31 जुलाई के आसपास पूरा कर लिया जाएगा और कुरुक्षेत्र में लगभग 15 हजार एकड़ में फसल का नुकसान हुआ है।
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