India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kisan Andolan: MSP पर मांग को लेकर दस महीने से किसान लगातार सड़कों पर उतरे हुए हैं। इस आंदोलन में जहाँ किसान अपनी मांगों को लेकर टस से मस नहीं हो रहे हाँ वहीँ केंद्र सरकार भी अपनी जिद पर अड़ी हुई है। जिसके बाद अब शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को हरियाणा के किसान संगठनों ने जिला मुख्यालयों में ट्रैक्टर मार्च निकाला। आपको बता दें मार्च अलग अलग जिलों से शुरू हुआ और ये मार्च लघु सचिवालय पहुंचकर खत्म हुआ।
इस दौरान किसान संगठनों ने तहसीलदार, SDM और अन्य अधिकारियों को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरफ से लिखी गई चिट्ठी सौंपी। इतना ही नहीं इस दौरान अंबाला में किसानों ने सरकार का पुतला फूंक कर आक्रोश जताया और जमकर नारेबाजी भी की।
इस दौरान इसराना में मार्च में ओलंपियन और किसान मोर्चा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग पुनिया भी शामिल हुए। इस दौरान पूनिया ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों ने किसान और मजदूर को बर्बाद करने का काम किया है। लंबे समय से किसान व मजदूर अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को उनका हक देने की बजाय ये सरकार उन पर लाठियां बरसा रही है। उन्होंने कहा कि में पूरी तरह से किसान और मजदूरों के संघर्ष में साथ खड़ा हूँ। वहीँ इस दौरान इनेलो के महासचिव अभय सिंह चौटाला, डबवाली से इनेलो विधायक आदित्य और रानियां से विधायक अर्जुन ने खनाैरी पहुंचकर डल्लेवाल को अपना समर्थन दिया। साथ ही किसानों के समर्थन में केंद्र सरकार पर हमला बोला।
अब ये आंदोलन काफी बड़ा आंदोलन बन चुका है वहीँ इस आंदोलन को बड़े बड़े संगठनों से लेकर विपक्ष तक का समर्थन मिलने लगा है। इस दौरान खनौरी बाॅर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 21वें दिन में प्रवेश कर गया। वहीँ बिगड़ती सेहत के बावजूद डल्लेवाल ने मंच से किसानों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह परतीखा जुबाई हमला बोला ।
इस दौरान उन्होंने कहा, एमएसपी को लेकर संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए। शाह कह रहे हैं कि किसानों को साढ़े तीन गुणा एमएसपी से बढ़कर रेट दिए जा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि साल 2014 से लेकर अब तक मोदी सरकार के राज में गेहूं के रेट में केवल 825 रुपये की वृद्धि की है। यह 56 फीसदी की वृद्धि है। इसके मुकाबले खेती लागत 56.53 फीसदी तक बढ़ गई है। डल्लेवाल ने ये भी कहा कि इससे साफ है कि किसानों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है। अगर केंद्र की ओर से किसानों को एमएसपी से ज्यादा दिया जा रहा है।