India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Farmers: हरियाणा में किसान अपनी समस्याओं को लेकर अब भी काफी एक्टिव है। जिसके चलते हरियाणा में इसे लेकर कई बड़े कदम उठाए गए हैं। दरअसल, जींद में संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की बैठक सोमवार को जाट धर्मशाला में हुई। साथ ही इस बैठक की इसकी अध्यक्षता रत्न मान, रणवीर मलिक, कैप्टन रणधीर चहल और संदीप सिवाच ने की। आपको बता दें इस बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उनमे पराली प्रबंधन, डीएपी की समस्या, फसल उठान और खरीद शामिल हैं। आपको बता दें यही सब किसानों की मुख्य समस्या हैं । जिसके चलते किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से जवाब लेने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की पंचायत 5 नवंबर को कुरुक्षेत्र में की जाएगा। इस बात का फैसला पिछली बैठक में ही हुआ है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें इस समय किसान एक्टिव मोड में हैं। इस दौरान उन्होंने लघु सचिवालय पहुंचकर अपनी समस्याओं को लेकर धरना भी दिया और डीसी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पराली प्रबंधन की व्यवस्था करने के बजाय प्रदूषण का सारा दोष किसानों के ऊपर डाल रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार के लगातार तीन बजट से उर्वरक के अनुदान में कटौती करने से डीएपी की कमी बनी हुई है। इस साल किसानों को धान का कम रेट मिलने से घाटा हो रहा है। और उन्हें लगता है अगर आगे समस्या का हल ना निकल पाया तो लगातार उन्हें ऐसा ही घाटा होता रहेगा।
इस दौरान किसानों ने एक और फैसला लिया। किसानों का मानना है कि, दिल्ली कूच के चार साल पूरे होने पर 26 नवंबर को हरियाणा के सभी जिलों में चेतावनी दिवस मनाया जाएगा, साथ ही, आक्रोश प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे जाएंगे।आपको बता दें, प्रदर्शन के माध्यम से MSP की कानूनी गारंटी, कर्जा मुक्ति, शहीद स्मारक के निर्माण की मांग करते हुए सरकार को तीन महीने की चेतावनी दी जाएगी। किसानों का कहना है कि अगर चेतावनी देने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला तो देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर बलबीर सिंह, सुखविंदर सिंह, कंवरजीत सिंह, जोगेंद्र नैन, विकास सीसर, बाबा गुरदीप, कुलबीर मलिक और आजाद पालवां मौजूद रहे।