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किसानों पर दर्ज मुकदमे होंगे खारिज
इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज), Farmers Withdraw Protest, चंडीगढ़ : कुरुक्षेत्र प्रशासन व किसानों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद मंगलवार देर शाम तक चली बैठक में आखिरकार अब सहमति बन गई है। भारतीय किसान यूनियन और प्रशासन के बीच हुई वार्ता में मांगें पूरी होने के बाद जीटी रोड पर 2 दिनों से लगाया गया जाम हटा दिया गया है। वार्ता के दौरान एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद और शाहबाद में बीते सप्ताह जीटी रोड पर जाम लगाने और प्रदर्शन करने के मामले में गिरफ्तार भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढुनी और अन्य किसान नेताओं की रिहाई करने की मांग को मान लिया गया है।
सूरजमुखी फसल का रेट बढ़ाकर दिया जाएगा
कुरुक्षेत्र के डीसी शांतनु कुमार ने संयुक्त किसान मोर्चा के धरने के दौरान किसानों के बीच पहुंचकर घोषणा की है कि सरकार किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि किसानों को सूरजमुखी फसल का रेट बढ़ाकर तथा भावांतर योजना के जरिए उन्हें लाभ दिया जाएगा। वहीं एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने किसानों को बताया कि जो कमेटियां बनी हैं,उनके साथ किसानों पर दर्ज किए गए मामलों को लेकर बात हुई है।
किसानों ने जो मांगें रखी थी, वे स्वीकार कर ली हैं। किसानों को सूरजमुखी की फसल का 6400 प्रति क्विंटल देने के लिए प्रशासन तैयार हो गया है। अब किसानों की सूरजमुखी 5000 प्रति क्विंटल बिकेगी। 1400 प्रति क्विंटल भावांतर भरपाई योजना के तहत सरकार किसानों के खाते में भेजने का काम करेगी। इतना ही नहीं किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे खारिज होंगे और बुधवार शाम तक किसानों के बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी रिहा कर दिया जाएगा। कुरुक्षेत्र जिला प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए गए ऐलान के बाद किसान काफी खुश नजर आए। धरने पर मौजूद किसानों ने आतिशबाजी करते हुए अपनी खुशी जाहिर की और धरना समाप्त कर अपने घरों की और हो गये है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने करनाल दौरे के दौरान किए गए अपने वक्तव्य में बताया था कि सूरजमुखी की फसल सरकार 48 सौ रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीद रही है तथा भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को एक हजार रुपए की राशि सीधे इन किसानों के खाते में दी जा रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि सूरजमुखी की फसल अधिकतर कुरुक्षेत्र जिले के किसान पैदा कर रहे हैं, इसलिए कुरुक्षेत्र जिले में लगभग 4 एकड़ भूमि में एक प्लांट लगाया जाएगा जिसमें लगभग 20 हजार मीट्रिक टन सूरजमुखी के तेल से घी तैयार किया जाएगा, ताकि सूरजमुखी की फसल की पैदावार करने वाले किसानों को लाभ पहुंचाया जा सके।