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किसान महापंचायत: हजारों महिलाएं, क्या समाप्त हो सकतीं हैं समस्याएं ?

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : March 15, 2021

जाखल/योगेश खनेजा

जगह जगह आयोजित हो रहीं महापंचायतों में अब केवल किसान और मजदूर ही नहीं आ रहे बल्कि चूल्हा चौका करने वाली गृहणी महिलाएं भी इस आंदोलन का पंचायतों के जरिए हिस्सा बन रही हैं, आपको बता दूं पिछले 3 महीने और 25 दिन से तीन कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के साथ साथ अब महापंचायतों का भी आयोजन हो रहा है जिसमें कानून के खिलाफ किसानों को जागरुक किया जाता है,उसी कड़ी को जोड़ते हुए जाखल में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की तादाद में किसान, मजदूर और महिलाएं शामिल हुईं।

बता दें पिछले 111 दिनों से कृषि कानूनों के विरोध में  दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसानों का धरना जारी है, इसी के विरोध में जाखल की अनाज मंडी में किसान संघर्ष समिति जाखल की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की तादाद में किसान मजदूर और महिलाएं किसानों के विचार सुनने के लिए जाखल की अनाज मंडी में पहुंचे,  किसान मोर्चा महापंचायत में  जोगिन्द्र उगराहा,रूलदूमानसा,कुलवंत संधु,मंजीत धनेर,बूटा सिंह,वुर्ज गिल,मनदीप सिह,जोगिन्द्र सिंह नैन, मनदीप नथवान सहित कई शीर्ष किसान नेता उपस्थित रहे,नेताओं ने किसानों को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को किसान मजदूर विरोधी बताया है,पत्रकारों से बातचीत करते हुए रुल्दू राम मानसा ने कहा कि हरियाणा और पंजाब आपस में छोटे बड़े भाई हैं, आज की किसान महापंचायत में मौजूद भीड़ ने ये साबित कर दिया है, उन्होंने कहा  किसान दिल्ली की सीमाओं से हटने वाला नहीं है, उन्होंने कहा कि  गेहूं की फसल संभाल लेने के बाद वे अपने इस आंदोलन को तेज करेंगे,साथ ही वे बोले कि  हरियाणा और पंजाब में भाजपा का बुरा हाल है, पंजाब में हुए चुनावों में पंजाब कि जनता ने भाजपा को  दिखा दिया है।

वहीं किसानों का कहना है कि हरियाणा में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों को भी गावों में नहीं घुसने दिया जाएगा।

 

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