इंडिया न्यूज ।
Finance Department Started Data Gathering Before Implementing Old Pension : राजस्थान में सरकार ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की बजट घोषणा पर काम शुरू कर दिया है। वित्त विभाग ने पुरानी पेंशन को लागू करने से पहले पेंशन सिस्टम से जुड़े डेटा जुटाने शुरू कर दिए हैं। 1 अप्रैल से रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के हिसाब से करीब आधे वेतन जितनी पेंशन मिलेगी, जबकि नई पेंशन स्कीम में यह पैसा बहुत कम है।
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी के मूल वेतन और ऊअ को मिलाकर 10% पैसा कटता है व इतना ही सरकार मिलाती है। वित्त विभाग में जयपुर से लेकर जिलों तक तैयारियां चल रही है। डेटा कलेक्शन का काम चल रहा है। एक मोटे अनुमान के अनुसार सरकार पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने से सालाना 19000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा, इसमें सालाना 10 फीसदी की बढ़ोतरी भी होगी।
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी के मूल वेतन और डीए की 10 फीसदी राशि राज्य सरकार मिलाती थी, इस पर सरकार को सालाना करीब 1900 करोड़ रुपए का भार आता है। सरकार पर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने से तत्काल बहुत बड़ा भार नहीं आने वाला है। क्योंकि 2004 और उसके बाद सरकारी नौकरी में लगे कर्मचारी 2030 के आसपास रिटायर होंगे। ऐसे में 2030 से फिर सालाना यह भार बढ़ता जाएगा।
न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों के वेतन से काटे गए एनपीएस अंशदान और सरकार के योगदान को मिलाकर करीब 25 हजार करोड़ रुपए ट्रस्टी बैंक में जमा हो चुका है। इसमें से 13.24 प्रतिशत राशि शेयर मार्केट और विभिन्न कम्पनियों में लगाई गई है। निवेश की गई इस रकम की मौजूदा वैल्यू 31 हजार करोड़ से ज्यादा है।
राज्य में न्यू पेंशन स्कीम के तहत सरकारी विभागों में 5 लाख 22 हजार कर्मचारी हैं, इसके अलावा 38000 कर्मचारी आटोनोमस बॉडीज में काम कर रहे हैं।
न्यू पेंशन स्कीम में 2016 से लेकर मार्च 2022 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या 2441 होगी। विधानसभा के सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2021 तक नई पेंशन वाले 1718 कर्मचारी रिटायर्ड हुए हैं। जबकि इस साल मार्च तक 726 कर्मचारी रिटायर होंगे।
राज्य में औसतन 30 हजार कर्मचारी रिटायर्ड हो जाते हैं। राज्य में अभी 4 लाख 59 हजार 975 कुल पेंशनर्स हैं। इनमें से 1,50,586 फेमिली पेंशनर्स हैं। 1 अप्रैल 2004 से सरकारी सेवा में नियुक्त होने वाले कर्मचारी अफसरों को न्यू पेंशन स्कीम में शामिल किया था।
पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने से सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा। मोटे अनुमान के अनुसार 19 हजार करोड़ के आसपास सालाना भार पड़ेगा, जो हर साल 10 फीसदी की दर से बढ़ेगा। सरकार पर अभी भी कर्ज का आंकड़ा 5 लाख करोड़ को पार कर चुका है और सालाना 30 हजार करोड़ तो ब्याज चुकाने में ही खर्च हो जाता है। वित्तीय जानकारों के मुताबिक, आगे सरकार की आर्थिक सेहत पर इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है।
पुरानी पेंशन लागू करने के बारे में गहलोत सरकार शुरू से इनकार करती आ रही थी। पिछले तीन साल में जब भी विधानसभा में पुरानी पेंशन स्कीम से जुड़े सवाल पूछे गए, सरकार ने हर सवाल का एक ही जवाब दिया कि पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं होगी। भविष्य में पेंशन भार को सहनीय बनाने के लिए केंद्र सरकार की तरह राज्य में भी 1 जनवरी 2004 और इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम लागू की है।
Finance Department Started Data Gathering Before Implementing Old Pension
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